Jalaun Tragedy: झपकी ने ली 5 जानें, नवजात समेत पूरा परिवार उजड़ गया!

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर जालौन के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक नवजात समेत पांच लोगों की मौत हो गई। झपकी बना कारण, पूरा परिवार उजड़ गया।

May 7, 2025 - 13:08
 0
Jalaun Tragedy: झपकी ने ली 5 जानें, नवजात समेत पूरा परिवार उजड़ गया!
Jalaun Tragedy: झपकी ने ली 5 जानें, नवजात समेत पूरा परिवार उजड़ गया!

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना, जिसने एक पूरे परिवार की खुशियों को चंद सेकंड में निगल लिया।
एक नवजात बच्ची समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

हादसा जो हमेशा के लिए छोड़ गया खालीपन

बहरेच जिले के मोतीपुर निवासी बृजेश (42) अपने परिवार को लेकर झांसी की ओर जा रहे थे। सुबह का वक्त था, नींद का दबाव शायद हावी हो चुका था।
जैसे ही उनकी कार गिरथान गांव के पास बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर पहुंची, ड्राइवर को झपकी आ गई
कार डिवाइडर तोड़कर दूसरी लेन में जा घुसी और सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक से सीधी टक्कर हो गई

भीषण टक्कर और खामोश हो गया कारवां

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए
कार में मौजूद बृजेश, उनकी पत्नी प्रीति (40), तीन महीने की नवजात बेटी, 13 साल का बेटा आशुतोष, और एक रिश्तेदार की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

बचे दो लोग, पर हालत गंभीर

कार में सवार मानवी और नंदा नाम की दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें उरई के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत नाजुक है और उन्हें ICU में रखा गया है।

हादसे ने उठाए सवाल

इस भीषण सड़क दुर्घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
क्या हाईवे पर ड्राइवरों के लिए आराम और सतर्कता के प्रति जागरूकता नहीं होनी चाहिए?
क्या बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे आधुनिक मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं?
क्या लंबे सफर में झपकी से होने वाले हादसे अब भी “दुर्घटना” ही हैं, या उन्हें रोका जा सकता है?

पुलिस का बयान

जालौन पुलिस के अनुसार, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचना दे दी गई है।
एसएचओ सिंह ने बताया कि दुर्घटना के पीछे मानवीय लापरवाही है – खासकर ड्राइवर की झपकी, जो जानलेवा साबित हुई।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: सुविधा या जोखिम?

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जब 2022 में खोला गया, तो इसे उत्तर प्रदेश की लाइफलाइन कहा गया।
लेकिन तब से अब तक इस मार्ग पर दर्जनों बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों जानें जा चुकी हैं।
बिना विश्राम स्थलों, निगरानी कैमरों और गति नियंत्रण के, यह एक्सप्रेसवे अब खतरनाक बनता जा रहा है

एक परिवार की कहानी जो यहीं थम गई

बृजेश अपने बच्चों के साथ झांसी घूमने जा रहे थे, यह सफर उनकी बेटी के पहले बाहर जाने का मौका था।
कौन जानता था कि यह पहला और आखिरी सफर बन जाएगा?
गांव में मातम पसरा है, पड़ोसी सदमे में हैं, और एक मासूम नवजात की मौत ने हर दिल को झकझोर दिया है।

आपका क्या कहना है — क्या एक्सप्रेसवे पर झपकी को अपराध मानना चाहिए?
क्या सरकार को ऐसे मार्गों पर अनिवार्य विश्राम स्थल और सतर्कता अलार्म लगाने चाहिए?

नीचे अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि जागरूकता फैल सके।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।