Mahakumbh 2025: नाव चलाकर 30 करोड़ कमाने वाले पिंटू महरा की कहानी, जानिए कैसे बने करोड़पति?
महाकुंभ 2025 में प्रयागराज के नाविक पिंटू महरा ने 130 नावों से 30 करोड़ रुपये की कमाई की। जानिए कैसे उनकी रणनीति ने उन्हें करोड़पति बनाया।

प्रयागराजः महाकुंभ 2025 समाप्त हो चुका है और इसके आर्थिक प्रभाव सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में प्रयागराज के एक नाविक पिंटू महरा चर्चा में हैं, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। उनकी इस उपलब्धि की चर्चा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में भी की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिंटू महरा ने यह कमाई कैसे की? आइए जानते हैं उनकी संघर्ष भरी सफलता की कहानी।
कैसे बने करोड़पति?
पिंटू महरा प्रयागराज के अरैल इलाके के निवासी हैं और उनका पूरा परिवार नाव संचालन के व्यवसाय से जुड़ा है। 2019 के कुंभ में नाव चलाने के अनुभव से उन्होंने अंदाजा लगाया कि 2025 का महाकुंभ और भी भव्य होगा। इसी सोच के साथ उन्होंने अपनी मां और पत्नी के गहने गिरवी रखकर 130 नावें खरीदीं। उनका यह जोखिम सफल रहा और महाकुंभ के 45 दिनों में उन्होंने 30 करोड़ रुपये की रिकॉर्डतोड़ कमाई कर ली।
पिंटू महरा के पास कितनी नावें?
महाकुंभ 2025 में पिंटू महरा के पास कुल 130 नावें थीं, जिनमें:
5 मोटरबोट
125 सामान्य नावें शामिल थीं।
उनकी यह रणनीति बेहद सफल रही और लाखों श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने से उनकी आय करोड़ों में पहुंच गई।
कैसे हुआ करोड़ों का मुनाफा?
विशेषज्ञों के अनुसार, पिंटू महरा की नावों से औसतन प्रति नाव 50-52 हजार रुपये रोजाना की कमाई हुई। इस हिसाब से 130 नावों से 45 दिनों में कुल 30 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
मां ने किया था विरोध, लेकिन गंगा मैया ने दिया वरदान
पिंटू की मां शुक्लावती देवी ने पहले गहने गिरवी रखने का विरोध किया था, लेकिन बेटे के आत्मविश्वास के आगे उन्होंने हां कर दी। आज वे गर्व के साथ कहती हैं कि उनके बेटे ने परिवार की तकदीर बदल दी। वे कहती हैं, "गंगा मइया की कृपा से आज हमारा परिवार संपन्न है।"
श्रद्धालुओं से मिली दान-दक्षिणा
महाकुंभ में नाविकों को सिर्फ किराए से ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की ओर से दिए गए उपहारों से भी काफी आमदनी हुई। श्रद्धालुओं ने अपनी खुशी से ज्यादा किराया दिया, क्योंकि नावों के बिना संगम स्नान करना मुश्किल था।
सरकार का अहम योगदान
पिंटू महरा और अन्य नाविकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के कारण महाकुंभ 2025 इतना सफल हुआ।
महाकुंभ में नाव संचालन से जुड़े विवाद
हालांकि, महाकुंभ में नाव किराए को लेकर कई आरोप भी लगे। कई श्रद्धालुओं ने दावा किया कि नाव वालों ने मनमाने दाम वसूले। सरकार ने हर नाव पर अधिकतम 10 लोगों को बैठाने की अनुमति दी थी, लेकिन भारी भीड़ के चलते कई बार नाविकों ने अधिक पैसा लिया।
प्रयागराज का रसूखदार महरा परिवार
महरा परिवार प्रयागराज का एक प्रतिष्ठित परिवार है, जिनके पास 500 से अधिक नावें हैं। इसके अलावा, वे सरकारी ठेकेदारी और सब्जी की खेती का भी व्यवसाय करते हैं। पिंटू महरा की मां शुक्लावती देवी बिजली विभाग की रजिस्टर्ड ठेकेदार भी हैं और उन्होंने महाकुंभ में 2 करोड़ रुपये का सरकारी ठेका भी लिया था।
पिंटू महरा की सफलता की कहानी बताती है कि सही रणनीति और हिम्मत से किस्मत को बदला जा सकता है। महाकुंभ 2025 ने न केवल प्रयागराज के इस नाविक को करोड़पति बना दिया, बल्कि हजारों अन्य नाविकों को भी संपन्न किया। गंगा मैया की कृपा और सरकार की नीतियों ने इस महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया।
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