Meerut Support: पाकिस्तान जिंदाबाद के पोस्ट से मचा बवाल, युवक गिरफ्तार
मेरठ में ऑपरेशन सिंदूर के बीच पाकिस्तान समर्थित पोस्ट से हड़कंप, युवक ज़ैद को इंस्टाग्राम पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' जैसे विवादित नारे पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया गया। जानिए कैसे सोशल मीडिया बना गिरफ्तारी की वजह।

भारत में जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जा रहा है, ऐसे समय में मेरठ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने देशभक्ति की भावना को गहरा झटका दिया है। मेरठ के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में एक युवक को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान के समर्थन में विवादित पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आरोपी की पहचान ज़ैद नाम के युवक के रूप में हुई है, जो मयूर नामक एक सैलून में काम करता है। थाना कोतवाली क्षेत्र निवासी यह युवक अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से 'पाकिस्तान जिंदाबाद', 'पाकिस्तान सही है' जैसे नारे और टिप्पणियां पोस्ट कर रहा था, जिसके बाद मेरठ का माहौल गर्मा गया।
कैसे खुला मामला?
मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय सभासद को इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक कंटेंट नजर आया। पोस्ट में न सिर्फ पाकिस्तान का समर्थन किया गया था, बल्कि उसमें भारत विरोधी भावनाएं भी दिखाई गईं। सभासद ने तुरंत स्थानीय लोगों के साथ सिविल लाइंस थाने जाकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई।
जिस तरह की प्रतिक्रियाएं इस पोस्ट पर पाकिस्तान से भी आने लगीं, उससे ये मामला और भी गंभीर हो गया। खासकर हिन्दू समुदाय में इस पोस्ट को लेकर गहरी नाराजगी देखी गई। पुलिस ने बिना समय गंवाए कार्रवाई की और ज़ैद को हिरासत में ले लिया।
सोशल मीडिया बना गिरफ्तारी की वजह
सीओ सिविल लाइंस अभिषेक तिवारी ने बताया कि आरोपी युवक के सोशल मीडिया अकाउंट की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने और भड़काऊ पोस्ट डालने की घटनाएं बढ़ गई हैं। हम लगातार निगरानी कर रहे हैं।”
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ऐसे मामलों को लेकर सख्ती पहले से ही बरती जा रही है। राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देश विरोधी किसी भी गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
सोशल मीडिया पर इतिहास में भी विवाद
यह पहला मामला नहीं है जब सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट कर किसी युवक को गिरफ्तार किया गया हो। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और दिल्ली में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
इतिहास गवाह है कि सोशल मीडिया दोधारी तलवार की तरह काम करता है। जहां यह एक ओर जागरूकता का माध्यम बनता है, वहीं गलत इस्तेमाल पर यह समाज को भड़काने का औजार भी बन सकता है।
क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
सोशल मीडिया पर बढ़ते राजनीतिक और धार्मिक विचारों के खुले मंच पर लोगों की राय अधिक उग्र होती जा रही है। इसमें अफवाहें, भड़काऊ वीडियो और देशविरोधी बयान बड़ी तेजी से वायरल होते हैं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार लोगों से अपील कर रही हैं कि वे केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें और किसी भी तरह की आपत्तिजनक या अफवाह फैलाने वाली सामग्री से बचें।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
पुलिस ने आरोपी ज़ैद के खिलाफ आईटी एक्ट और देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब उससे पूछताछ जारी है कि आखिर उसने यह पोस्ट क्यों की और क्या इसके पीछे कोई साजिश है।
मेरठ पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई होगी और किसी भी तरह की देशविरोधी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया की स्वतंत्रता की सीमा कहां खत्म होती है? क्या देश के खिलाफ बोलना “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” माना जाएगा? मेरठ का यह मामला आने वाले समय में ऐसी बहसों को और हवा देगा।
क्या आपको लगता है कि सोशल मीडिया पर निगरानी और भी सख्त होनी चाहिए?
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