Aligarh Accident: ट्रक से घसीटी गई बाइक, महिला समेत तीन की दर्दनाक मौत
अलीगढ़-कानपुर हाईवे पर ट्रक और बाइक की भीषण टक्कर में एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। हादसे ने हाईवे की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अलीगढ़-कानपुर हाईवे एक बार फिर दर्दनाक हादसे का गवाह बना है। जलालपुर पनवारा के पास मंगलवार देर रात हुए इस भीषण टक्कर में एक महिला समेत तीन लोगों की जान चली गई, जबकि एक शख्स जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। सवाल सिर्फ हादसे का नहीं, बल्कि हमारी सड़क सुरक्षा व्यवस्था का है, जो हर दिन ऐसे ही हादसों में दम तोड़ रही है।
घटना का दर्दनाक सिलसिला
घटना मंगलवार रात करीब 11 बजे की है, जब भदर गांव निवासी गुड्डू अपनी पत्नी रजनी, एक रिश्तेदार टिंकू जाटव और एक अन्य व्यक्ति के साथ मक्कापुरवा गांव से लौट रहे थे। जैसे ही उनकी बाइक जलालपुर पनवारा के पास पाल चौराहे से गुज़री, सामने से आ रहे एक कंटेनर ट्रक ने सीधी टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि बाइक कई मीटर तक सड़क पर घिसटती चली गई और देखते ही देखते उसमें आग लग गई। इस हादसे में 27 वर्षीय रजनी, 50 वर्षीय टिंकू जाटव और लगभग 30 साल के एक अज्ञात युवक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं रजनी के पति गुड्डू गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें कन्नौज के तिर्वा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
हाईवे हादसे: कोई नई बात नहीं
यह पहला मौका नहीं है जब अलीगढ़-कानपुर हाईवे पर ऐसा भयावह हादसा हुआ हो। बीते वर्षों में यह हाईवे लगातार दुर्घटनाओं का केंद्र बना हुआ है। हाईवे की तेज रफ्तार, भारी वाहन और कम सुरक्षा व्यवस्था इस तरह की घटनाओं की वजह बनती रही है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर चार मिनट में एक सड़क हादसा होता है, और इनमें से अधिकांश हाईवे पर होते हैं।
दूसरे हादसे की सिहरन
अभी अलीगढ़ का दर्द थमा भी नहीं था कि जालौन से भी एक और भयानक हादसे की खबर आई। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर एक कार और ट्रक की टक्कर में एक नवजात बच्ची समेत एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। यह हादसा भी बुधवार सुबह तड़के हुआ, जब परिवार कहीं जा रहा था। दो अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हैं।
इन दोनों हादसों ने यह साफ कर दिया है कि यूपी की सड़कें अब जानलेवा बनती जा रही हैं, जहां इंसानी जिंदगी का कोई मोल नहीं दिखता।
प्रशासन की लाचारी या सिस्टम की नाकामी?
क्षेत्राधिकारी (नगर) कमलेश कुमार ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। मगर सवाल यह है कि क्या जांच से उन परिवारों को न्याय मिलेगा जिन्होंने अपनों को खो दिया? क्या सड़कों पर दौड़ते ये ट्रक किसी डर के बिना मासूम ज़िंदगियां रौंदते रहेंगे?
समाज के लिए चेतावनी
इस हादसे ने फिर से यह सोचने पर मजबूर किया है कि हमारे देश की सड़कें कितनी असुरक्षित हैं। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, ओवरलोडेड ट्रक, और लापरवाह ड्राइविंग मिलकर रोज़ाना कितने घरों को उजाड़ रही हैं, इसका कोई ठोस आंकड़ा अब चौंकाता नहीं, डराता है।
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