Jamshedpur Suicide Attempt: युवक ने खुद को लगाई आग, 57% झुलसा, परिवार ने बचाई जान!

जमशेदपुर के मानगो में 22 वर्षीय युवक कृष्णा कुमार ने खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आत्मदाह की कोशिश की। गंभीर रूप से झुलसे युवक का इलाज जारी है, घटना के पीछे का कारण अभी तक रहस्य बना हुआ है।

May 21, 2025 - 14:29
 0
Jamshedpur Suicide Attempt: युवक ने खुद को लगाई आग, 57% झुलसा, परिवार ने बचाई जान!
Jamshedpur Suicide Attempt: युवक ने खुद को लगाई आग, 57% झुलसा, परिवार ने बचाई जान!

सुबह-सुबह जब घर के सदस्य उठते हैं तो उम्मीद करते हैं एक सामान्य दिन की शुरुआत होगी। मगर मानगो के दाईगुट्टू में बुधवार की सुबह एक 22 वर्षीय युवक ने ऐसा कदम उठा लिया जिसने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। कृष्णा कुमार सिंह, जिसने खुद पर केरोसिन तेल उड़ेलकर आत्मदाह की कोशिश की, अब अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।

घटना इतनी अचानक और रहस्यमयी थी कि परिवार अभी तक इस निर्णय के पीछे का कारण नहीं समझ पाया है।

आग की लपटें देख टूटा दरवाजा, बचाई गई जान

सुबह करीब 7 बजे, जब घर के लोग अपने काम में व्यस्त थे, तभी एक कमरे से धुआं और आग की लपटें उठने लगीं। भागकर जब दरवाजा खोला गया, तो सामने जो दृश्य था वो किसी डरावने सपने से कम नहीं था।

कृष्णा बुरी तरह झुलस चुका था। परिजनों ने आनन-फानन में दरवाजा तोड़ा, और उसे लेकर भागे एमजीएम अस्पताल। डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि वह 57% तक जल चुका है, और फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

आत्महत्या की मंशा या मानसिक दबाव? कारण बना रहस्य

परिजनों के अनुसार, कृष्णा भुईयांडीह स्थित ट्रू वैल्यू में काम करता है। मंगलवार की रात वह करीब 12 बजे घर लौटा था। सुबह उठने के बाद उसने फ्रिज से पानी निकाला, पिया और चुपचाप अपने कमरे में चला गया।

कुछ ही मिनटों में वहां से धुआं और आग निकलने लगी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कृष्णा के छोटे भाई नीरज कुमार सिंह के अनुसार, उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि कृष्णा ने ऐसा कदम क्यों उठाया। ना तो घर में किसी बात को लेकर बहस हुई, ना ही वह किसी परेशानी को लेकर खुलकर कुछ कहता था।

आत्मदाह की घटनाएं: सामाजिक दबाव या मानसिक बीमारी?

भारत में हर साल हज़ारों लोग आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2022 में भारत में करीब 1.64 लाख आत्महत्याएं दर्ज हुईं, जिनमें से बड़ी संख्या युवाओं की थी।

आत्मदाह, आत्महत्या के सबसे खतरनाक और पीड़ादायक तरीकों में से एक है। यह आमतौर पर गंभीर मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव, घरेलू समस्याएं या अवसाद के चलते उठाया गया कदम होता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, जो लोग इस तरह की आत्मघाती प्रवृत्तियों को अपनाते हैं, उन्हें अक्सर मनोवैज्ञानिक सहायता और परिवार के भावनात्मक समर्थन की जरूरत होती है।

पुलिस जांच में जुटी, घरवालों से पूछताछ जारी

फिलहाल, मानगो थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। कृष्णा की मानसिक स्थिति, उसके कॉल रिकॉर्ड, और कामकाज से जुड़ी बातें खंगाली जा रही हैं। पुलिस ने परिजनों से भी विस्तृत पूछताछ शुरू की है।

आशंका है कि शायद काम का तनाव, निजी संबंधों की उलझन, या आर्थिक तंगी जैसी कोई बात हो सकती है जिसने उसे आत्मदाह जैसा कदम उठाने पर मजबूर किया।

परिवार की हालत बदहवास, मां-बाप की आंखें नम

अस्पताल के बाहर कृष्णा के माता-पिता और भाई की हालत बेहद खराब है। मां की आंखों से आंसू थम नहीं रहे, और पिता सदमे में चुपचाप दीवार से टिके हैं। नीरज बार-बार यही दोहरा रहा है कि "कृष्णा ने ऐसा क्यों किया, हमें तो कुछ पता ही नहीं था।"

 जरूरी है जागरूकता और भावनात्मक संवाद

कृष्णा की घटना सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि युवाओं में बढ़ते मानसिक दबाव और सामाजिक संवाद की कमी को उजागर करती है। परिवारों को चाहिए कि वे अपने बच्चों से सिर्फ पढ़ाई और नौकरी की बात न करें, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी बनाएं।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में अभी भी चुप्पी है, जो ऐसे हादसों को जन्म देती है। अगर समय रहते किसी ने कृष्णा के मन की बात जान ली होती, तो शायद आज स्थिति अलग होती।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।