Mumbai Shame: लोकल ट्रेन में नेत्रहीन महिला को पीटता रहा युवक, यात्री बनते रहे मूकदर्शक!

मुंबई लोकल ट्रेन में नेत्रहीन महिला को पीटने का मामला सामने आया है। आरोपी युवक ने सीट को लेकर विवाद किया और भीड़ के सामने महिला पर हमला कर दिया। जानिए पूरी घटना और पुलिस कार्रवाई।

May 21, 2025 - 10:28
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Mumbai Shame: लोकल ट्रेन में नेत्रहीन महिला को पीटता रहा युवक, यात्री बनते रहे मूकदर्शक!
Mumbai Shame: लोकल ट्रेन में नेत्रहीन महिला को पीटता रहा युवक, यात्री बनते रहे मूकदर्शक!

मुंबई की लोकल ट्रेन, जिसे आमतौर पर ‘मायानगरी की लाइफलाइन’ कहा जाता है, एक बार फिर शर्मसार हो गई। इस बार वजह थी एक नेत्रहीन महिला के साथ हुई अमानवीय मारपीट—और वो भी दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या हम संवेदनशील समाज की ओर जा रहे हैं या संवेदना से हीन भीड़ की भीड़ बन चुके हैं?

घटना कहां और कैसे हुई?

सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से टिटवाला की ओर जा रही एक लोकल ट्रेन में, कंजुरमार्ग और कलवा रेलवे स्टेशन के बीच यह शर्मनाक घटना हुई। एक 33 वर्षीय नेत्रहीन महिला, जो दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित कोच में सफर कर रही थी, सीट न मिलने पर जब एक व्यक्ति से सीट देने का अनुरोध करने लगी, तो मामला इतना बढ़ गया कि वही व्यक्ति उसे पीटने लगा।

इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें आरोपी को महिला पर हमला करते हुए देखा जा सकता है—वो भी तब जब आसपास मौजूद यात्री सिर्फ तमाशा देख रहे थे।

कौन था आरोपी?

आरोपी की पहचान 40 वर्षीय मोहम्मद इस्माइल के रूप में हुई है, जो मुंब्रा का निवासी है। वह अपनी गर्भवती पत्नी और 10 वर्षीय बेटी के साथ यात्रा कर रहा था। महिला के अनुरोध और अन्य यात्रियों की अपील के बावजूद, इस्माइल ने महिला को सीट देने से इनकार किया और उल्टा उसे गाली देने का आरोप लगाकर मारपीट शुरू कर दी।

इतिहास दोहराया या नई शर्मिंदगी?

मुंबई लोकल ट्रेनें पहले भी ऐसे मामलों की गवाह रही हैं, जहां भीड़ की मौजूदगी में महिलाओं या कमजोर वर्गों पर हमले हुए। लेकिन यह मामला इसलिए ज्यादा चिंता का विषय बन गया है क्योंकि पीड़िता एक नेत्रहीन महिला थी, और हमला उस डिब्बे में हुआ जो खासतौर पर दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित है।

पुलिस की कार्रवाई क्या रही?

घटना के बाद महिला ने कल्याण रेलवे स्टेशन पर उतरकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। कल्याण जीआरपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस्माइल को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अलावा, दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धारा 92(ए)(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वरिष्ठ निरीक्षक पंधारी कांडे ने बताया, “हम सुनिश्चित करेंगे कि पीड़िता को न्याय मिले और ऐसे कृत्यों पर सख्त संदेश जाए।”

क्या कहती है समाज की संवेदना?

इस घटना से बड़ा सवाल ये उठता है कि जब एक नेत्रहीन महिला को पीटा जा रहा था, तब दर्जनों यात्री क्यों मूकदर्शक बने रहे? क्या यह वही मुंबई है जिसे कभी ‘मानवता की मिसाल’ माना जाता था?

इस घटना ने साफ कर दिया है कि सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा और सामाजिक जागरूकता दोनों की बड़ी कमी है। ऐसे मामलों में सिर्फ कानून नहीं, बल्कि लोगों की सक्रियता ही बदलाव ला सकती है। नेत्रहीन महिला के साथ जो हुआ, वह किसी के साथ भी हो सकता है—जरूरत है कि हम हर यात्री को सिर्फ साथी नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी समझें।

मुंबई की भागती जिंदगी में अगर हमारी संवेदनाएं ही थम गईं, तो हम आगे क्या बचा पाएंगे?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।