Meerut Encounter: पुलिस की पिस्टल छीनकर चलाई गोली, फिर ऐसा हुआ अंजाम कि कांप गया बदमाश!
मेरठ में एक बदमाश ने पुलिसकर्मी से पिस्टल छीनकर पुलिस पर ही गोली चला दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे घायल कर गिरफ्तार किया। जानिए इस मुठभेड़ की पूरी फिल्मी कहानी।

Meerut में अपराधियों के हौसले अब कानून की सीमाओं को लांघते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक बदमाश ने न सिर्फ पुलिसकर्मी से सर्विस पिस्टल छीनी, बल्कि पुलिस टीम पर गोलियां भी चला दीं। लेकिन जब कानून ने पलटवार किया, तो उस 'फिल्मी विलेन' की कहानी ने एक नया मोड़ ले लिया।
Encounter की पटकथा: कैसे हुई शुरुआत?
पूरा मामला मेरठ के सरुरपुर थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने 24 अप्रैल को एक वांछित अपराधी निक्की तालियान उर्फ विशाल को पकड़ने के लिए दबिश दी। निक्की पर थाना सरुरपुर में दर्ज गंभीर मुकदमे के तहत कार्यवाही हो रही थी।
जैसे ही पुलिस की टीम गांव में पहुंची, निक्की ने देशी तमंचे से पुलिस पर गोली चला दी। लेकिन उसकी बंदूक में सिर्फ एक ही गोली थी, जिससे पुलिस ने तुरंत उसे पकड़ लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद निक्की ने अपने एक साथी की जानकारी दी और पुलिस उसे साथ लेकर उस साथी की तलाश में निकल पड़ी।
Gun Snatch की घटना: जब बदमाश ने बदली फिल्म की स्क्रिप्ट
रास्ते में अचानक कहानी ने 'बॉलीवुड टर्न' ले लिया। निक्की ने मौका पाते ही एक पुलिसकर्मी से उसकी सर्विस पिस्टल छीन ली और बिना वक्त गंवाए पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी। पूरी पुलिस टीम कुछ पलों के लिए सकते में आ गई, लेकिन तुरंत स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।
Police की जवाबी कार्रवाई: गोली लगी और बदल गया इरादा
पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में निक्की के पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया। घायल होने के बाद उसके तेवर पूरी तरह बदल गए। पुलिस को अस्पताल ले जाते समय निक्की ने कहा—"अब कभी जिंदगी में अपराध नहीं करूंगा।"
इस बयान ने न केवल पुलिस को चौंकाया, बल्कि पूरे समाज के लिए एक कड़वा सच उजागर किया कि किस तरह अपराध की दुनिया में लोग फंसते हैं और फिर एक पल में सब कुछ बदल सकता है।
इतिहास की झलक: क्या ऐसे मामलों में सुधार संभव है?
उत्तर प्रदेश में इस तरह की मुठभेड़ें नई नहीं हैं। 2000 के दशक की शुरुआत से ही यूपी पुलिस ने अपराधियों पर सख्ती बढ़ाई है। 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' की छवि भी पुलिस विभाग के लिए बनी है। लेकिन इस केस में खास बात यह रही कि बदमाश ने पुलिस की पिस्टल से फायरिंग की, जो बेहद दुर्लभ और चिंताजनक घटना मानी जाती है।
अब आगे क्या? पुलिस की जांच जारी
फिलहाल निक्की का इलाज अस्पताल में चल रहा है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि वह निक्की के अन्य साथियों की जानकारी जुटा रही है और पूरे गैंग के नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश में है। निक्की की कहानी बाकी युवाओं के लिए चेतावनी है कि अपराध का रास्ता अंततः एक ही मोड़ पर जाकर रुकता है—या तो जेल, या अस्पताल।
जब पिस्टल से पलटी किस्मत
इस घटना ने मेरठ और पूरे प्रदेश में पुलिस और समाज के सामने एक बार फिर वही सवाल खड़ा कर दिया है—क्या सख्ती से अपराधियों को सुधारा जा सकता है, या उनके लिए कोई और रास्ता भी है? निक्की की 'फिल्मी हरकत' और फिर उसका पश्चाताप, एक बड़ी बहस को जन्म देता है।
कानून का डर और जिंदगी की अहमियत—जब दोनों टकराते हैं, तो एक अपराधी भी इंसान बनकर रो पड़ता है।
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