Jharkhand Order: स्कूल टाइम बदला तो मचा हड़कंप, जानिए अब कितने बजे लगेंगी क्लासेस!
झारखंड सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में बड़ा बदलाव किया है। 26 अप्रैल से नया टाइम टेबल लागू होगा, जिससे लाखों छात्रों और अभिभावकों पर असर पड़ेगा।

झारखंड में इस बार गर्मी कुछ ज्यादा ही तेज़ पड़ रही है, और इसका असर अब सीधा छात्रों की दिनचर्या पर पड़ने वाला है। राज्य सरकार ने स्कूलों के समय में बड़ा बदलाव करते हुए एक अहम आदेश जारी कर दिया है, जिससे हर माता-पिता और शिक्षक को सतर्क हो जाना चाहिए।
Jharkhand से आया ये नया Order अब राज्यभर के लाखों छात्रों पर असर डालेगा।
राज्य के शिक्षा विभाग ने स्पष्ट शब्दों में सभी सरकारी, गैर-सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे 26 अप्रैल से गर्मी के चलते स्कूल टाइमिंग बदलें। संयुक्त सचिव नंदकिशोर लाल द्वारा जारी आदेश ने सभी स्कूलों को अनिवार्य रूप से इस बदलाव को अपनाने का निर्देश दिया है।
अब कौन सी क्लास कितने बजे लगेगी?
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कक्षा KG से 8वीं तक: सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक
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कक्षा 9वीं से 12वीं तक: सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
इसका सीधा मतलब है कि छात्रों को अब तेज़ धूप और लू से कुछ हद तक राहत मिलेगी।
इतिहास से जानें शिक्षा में ऐसा बदलाव नया नहीं है
अगर हम इतिहास में झांकें, तो गर्मियों में स्कूलों के समय को लेकर पहले भी कई बार बदलाव किए जाते रहे हैं। 2015 और 2018 में भी राज्य सरकारों ने जून-जुलाई में समय बदलने के आदेश दिए थे। लेकिन इस बार गर्मी का कहर अप्रैल में ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सरकार को पहले ही कदम उठाना पड़ा।
प्राइवेट स्कूलों को भी मानना होगा आदेश?
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूलों को अपने समय प्रबंधन की छूट तो होगी, लेकिन वो भी RTI अधिनियम और प्रबंधन के प्रावधानों के अंतर्गत ही काम करेंगे। मतलब अब कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से समय तय नहीं कर सकता।
अभी तक क्या कर रहे थे स्कूल?
खास बात यह है कि सरकार के आदेश से पहले ही कई स्कूलों ने स्वेच्छा से टाइमिंग बदल दी थी, लेकिन कई प्राइवेट स्कूल अब भी पूरे दिन की क्लास चला रहे थे, जिससे छोटे बच्चों को गर्मी में काफी परेशानी हो रही थी। अब यह अनिवार्य आदेश बनने से सभी स्कूलों को नियम मानना होगा।
अभिभावकों की राय:
रांची के निवासी और एक छात्र के पिता प्रदीप वर्मा कहते हैं,
"अब जाकर सरकार ने सही निर्णय लिया है। इतनी गर्मी में छोटे बच्चों को दोपहर तक स्कूल में रखना अमानवीय था।"
वहीं स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि आदेश के पालन के लिए वे तैयार हैं लेकिन ट्रांसपोर्ट और स्टाफ शेड्यूल में बदलाव की चुनौती जरूर होगी।
क्या छात्रों को मिलेगा फायदा?
शिक्षाविदों का मानना है कि सुबह के समय में क्लासेस आयोजित करना शैक्षिक रूप से भी अधिक प्रभावी होता है। छात्रों की एकाग्रता अधिक होती है और गर्मी का असर कम होता है।
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी साबित होगा।
झारखंड सरकार का यह आदेश एक जरूरी और समय पर लिया गया कदम है। यह न सिर्फ छात्रों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि स्कूलों को भी गर्मी से निपटने की दिशा में जिम्मेदार बनाएगा। शिक्षा व्यवस्था में ऐसे निर्णयों की भूमिका भविष्य में और भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
गर्मी में स्कूल समय का यह बदलाव एक चेतावनी भी है – बदलते मौसम के असर से अब कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया।
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