Jamshedpur Celebration: वीर कुंवर सिंह जयंती पर छत्रीय संघ ने मनाया भव्य विजयोत्सव, 500 से ज्यादा लोगों ने किया सम्मान
जमशेदपुर में वीर कुंवर सिंह जयंती का भव्य आयोजन, 500 से अधिक छत्रिय समाज के सदस्यों ने दी श्रद्धांजलि। जानिए कैसे मनाया गया यह ऐतिहासिक दिवस।

झारखंड के जमशेदपुर में वीर कुंवर सिंह की जयंती और विजयोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। झारखंड छत्रीय संघ कदमा इकाई ने 23 अप्रैल को संघ भवन में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम में 500 से अधिक लोगों ने भाग लेकर महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।
एक ऐतिहासिक विरासत को याद किया गया
वीर कुंवर सिंह, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बिहार और झारखंड में बगावत की मशाल जलाई थी। उनकी वीरता और रणनीति ने अंग्रेजों को कई बार मात दी। इसी विरासत को याद करते हुए छत्रीय समाज ने उनके जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से
इस गरिमामय कार्यक्रम की शुरुआत वीर कुंवर सिंह के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद पहलगाम अटैक के शहीदों और करणी सेना के विनय सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। मंच पर वीर रस से भरे गीत-संगीत ने माहौल को और भी ओजस्वी बना दिया।
संघ के नेताओं ने दिया प्रेरणादायी संदेश
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड छत्रीय संघ के केंद्रीय अध्यक्ष शंभु सिंह ने वीर कुंवर सिंह के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "आज भी देश को एकजुटता और साहस की जरूरत है। हमें अपने इतिहास से सीख लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।"
इस मौके पर संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, वाई.पी. सिंह, शिव शंकर सिंह, पार्षद एवं अध्यक्षा कविता परमार और महासचिव मंजू सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
समाज सेवा के प्रयासों की सराहना
कार्यक्रम में कदमा इकाई के अध्यक्ष ए.पी. सिंह ने समाज हित में चल रहे ब्लड डोनेशन कैंप, छठ पूजा कैंप और अन्य सामाजिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। साथ ही, कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले बाबू सुधेश्वर सिंह, बीरेंद्र बाबू, जय मंगल बाबू, अजय कुमार सिंह, संजय सिंह, संजीव सिंह, अनिता सिंह, रविशंकर सिंह और विश्वजीत सिंह की सराहना की गई।
निष्कर्ष: एकता और देशभक्ति का संदेश
यह आयोजन न केवल वीर कुंवर सिंह की याद में था, बल्कि यह समाज को एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने का संदेश भी देता है। ऐसे कार्यक्रम युवाओं को देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाते हैं।
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