चाकुलिया के बर्डीकानपुर में डायरिया फैलने से हड़कंप, उपायुक्त के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप
चाकुलिया के बर्डीकानपुर गांव में डायरिया के बढ़ते मामलों पर जिला उपायुक्त के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाया। जानिए कैसे टीम ने ग्रामीणों की जांच कर उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई।
चाकुलिया: बर्डीकानपुर गांव में डायरिया के मामलों के अचानक बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। गांव में फैली इस बीमारी के चलते स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत एक्शन लिया। जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 3 अक्टूबर को बर्डीकानपुर में एक विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया।
डायरिया का कहर और स्वास्थ्य विभाग की तत्परता
गांव में डायरिया का पहला मामला 28 सितंबर को सामने आया, और उसके बाद 02 अक्टूबर तक 18 ग्रामीणों ने दस्त और उल्टी की शिकायत की। यह स्थिति देखते हुए, सिविल सर्जन को गांव में कैंप लगाकर सभी ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। इसी निर्देश के पालन में, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और पारा मेडिकल स्टाफ की टीम ने बर्डीकानपुर पहुंचकर गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाया।
कैसे फैल रही है बीमारी? पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया
ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर गांव के जल स्रोत को भी संदिग्ध माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव के जल स्रोत का सैंपल लेकर उसकी जांच करने के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सैंपल रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि क्या गांव के पानी से यह बीमारी फैल रही है।
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का पानी दूषित है और पीने के लायक नहीं है, जिसके कारण ग्रामीणों में बीमारी तेजी से फैल रही है। अधिकारियों ने सभी ग्रामीणों को उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी है और भविष्य में किसी भी समस्या के लिए तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने को कहा है।
स्वास्थ्य कैंप में क्या हुआ?
कैंप में आए सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच किया गया और जिनमें बीमारी के लक्षण दिखाई दिए, उन्हें तुरंत इलाज दिया गया। 10 मरीजों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। अब तक 2 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 8 अन्य मरीजों का इलाज अभी भी चल रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी मरीजों की हालत सामान्य और स्थिर है, और जल्द ही उन्हें भी छुट्टी दे दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने बर्डीकानपुर गांव में कैंप लगाकर न सिर्फ मरीजों का इलाज किया, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी डायरिया से बचने के उपाय बताए। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने स्पष्ट किया है कि गांव में डायरिया जैसी गंभीर बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि किसी भी ग्रामीण को बीमारी से जूझना न पड़े। गांव में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया है और ग्रामीणों को साफ-सफाई और सुरक्षित पानी की अहमियत बताई जा रही है।
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