Delhi Operation: ऑनलाइन गेम PUBG से जुड़ा नशे का जाल, 10 गिरफ्तार, करोड़ों की हेरोइन जब्त
दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने एक खतरनाक नार्को-टेरर सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसमें PUBG गेम के जरिए तस्करी होती थी। 10 आरोपी गिरफ्तार, ₹10 करोड़ की हेरोइन जब्त, जांच जारी।

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली एक बार फिर एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के नेटवर्क का केंद्र बन गई है। लेकिन इस बार कहानी में ट्विस्ट है — तस्करी का माध्यम था ऑनलाइन गेम PUBG, संवाद का जरिया था Zangi ऐप और सप्लाई का रास्ता ड्रोन।
दिल्ली पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक खुफिया अभियान के तहत इस बड़े नशे के गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 10 बड़े ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से ₹10 करोड़ से अधिक की हेरोइन बरामद की गई है। साथ ही, आरोपियों से जुड़े ₹10 करोड़ के अचल संपत्ति की पहचान कर फाइनेंशियल जांच शुरू कर दी गई है।
इतिहास से सबक:
भारत में ड्रग्स के मामलों का कनेक्शन पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से लंबे समय से देखा गया है। 1980 के दशक में पंजाब में हेरोइन की लहर ने राज्य को बर्बादी की कगार पर ला दिया था। अब तकनीक के साथ यह खतरा और पेचीदा हो गया है।
PUBG और ड्रोन: नया तरीका, पुराना जहर
पुलिस जांच से पता चला कि यह सिंडिकेट भारत, पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन में फैले एजेंट्स के जरिए संचालित हो रहा था। आरोपी PUBG के जरिए संवाद करते थे ताकि पुलिस की निगाहों से बच सकें। वहीं, सप्लाई के लिए ड्रोन का इस्तेमाल होता था – यानी न कोई सीमा, न कोई दस्तावेज।
गिरफ्तार आरोपी और चौंकाने वाली कड़ियाँ
इस पूरे ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर निवासी फहीम फारूक के पास से 996 ग्राम हेरोइन और ₹1.7 लाख कैश बरामद हुआ। पूछताछ में फहीम ने शाज़िया पीर का नाम लिया, जो भोगल में रहती थी और अफगानिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़े नेटवर्क को संचालित कर रही थी। शाज़िया के पास से एक iPhone मिला जिसमें ड्रग तस्करी से जुड़े संवेदनशील चैट थे।
शाज़िया ने फहीम को पंजाब के हरि सिंह उर्फ हैरी से मिलवाया था। हैरी ही उसे हेरोइन की सप्लाई देता था। पुलिस ने लुधियाना में छापेमारी कर हैरी को गिरफ्तार किया। छानबीन में पता चला कि हैरी और उसके साथी – रवि शेर सिंह और मंजींदर सिंह – लखविंदर उर्फ लंडा नामक कुख्यात नार्को-आतंकी से जुड़े थे।
सुरक्षाबलों की जासूसी और जांबाज़ी
इस मिशन को सफल बनाने के लिए दिल्ली पुलिस की टीम ने अलग-अलग रूप अपनाए। किसी ने खेतों में मज़दूर बनकर जानकारी जुटाई, तो कोई बैंककर्मी बनकर गिरोह के अंदर तक पहुंच गया। एक रेड के दौरान कॉन्स्टेबल संवर की छत से गिरने के कारण रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया – लेकिन उन्होंने पीछा नहीं छोड़ा।
पैसे का खेल: हवाला कनेक्शन
पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन किया जा रहा था। आरोपी हर एक ड्रग डिलीवरी पर सप्लायर्स को ₹50,000 और एक नया फोन देते थे, जिससे उनका लोकेशन और पहचान ट्रैक न हो सके।
भविष्य की तैयारी और सतर्कता की ज़रूरत
पुलिस ने तीन विदेशी एजेंट्स की पहचान की है जो पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन में बैठे हैं। उनके लिए लुकआउट नोटिस जारी किए गए हैं। जांच एजेंसियाँ अब पूरे नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश में लगी हैं।
यह केस एक बार फिर दिखाता है कि नशे का जाल सिर्फ सड़कों पर नहीं, अब मोबाइल गेम्स और डिजिटल एप्लिकेशन के जरिए भी फैल रहा है। जब तक समाज और प्रशासन एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़ा नहीं होगा, तब तक यह ज़हर देश की युवा पीढ़ी को खोखला करता रहेगा। Delhi पुलिस की यह कार्रवाई एक मिसाल है, लेकिन यह अंत नहीं – यह शुरुआत है एक लंबे और जरूरी युद्ध की।
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