Begusarai Train Fire: चलती ट्रेन में लगी आग, कूदते दिखे दहशत में यात्री, बाल-बाल बचे सैकड़ों जान

बेगूसराय में तिलरथ-जमालपुर डेमू ट्रेन के इंजन में आग लगने से मचा हड़कंप। यात्री चलती ट्रेन से कूदे, ग्रामीणों की सूझबूझ और इंटरसिटी के ड्राइवर की सतर्कता से टला बड़ा हादसा।

Apr 19, 2025 - 23:59
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Begusarai Train Fire: चलती ट्रेन में लगी आग, कूदते दिखे दहशत में यात्री, बाल-बाल बचे सैकड़ों जान
Begusarai Train Fire: चलती ट्रेन में लगी आग, कूदते दिखे दहशत में यात्री, बाल-बाल बचे सैकड़ों जान

बेगूसराय, बिहार: शनिवार की शाम को बेगूसराय के नजदीक एक भयावह हादसा होते-होते बच गया। तिलरथ से जमालपुर की ओर जा रही डेमू ट्रेन जब दनौली-फुलवरिया के पास पहुंची, तभी अचानक इंजन से आग की लपटें उठने लगीं। यह दृश्य इतना डरावना था कि ट्रेन में सवार दर्जनों यात्रियों ने जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूदना शुरू कर दिया। अफरातफरी का माहौल बन गया और हर तरफ चीख-पुकार मच गई।

इंजन में जैसे ही लगी आग, फैल गई दहशत

घटना देर शाम की है जब बेगूसराय स्टेशन से रवाना होकर डेमू ट्रेन फुल स्पीड में आगे बढ़ रही थी। तभी अचानक इंजन में जोरदार आवाज के साथ आग की लपटें और काला धुंआ उठने लगा। कुछ ही पलों में ये खबर डिब्बों तक फैल गई। यात्री घबराकर दरवाजों से झांकने लगे और जैसे ही आग की भयावहता दिखी, लोग अपनी जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूदने लगे।

इंटरसिटी एक्सप्रेस की टक्कर से बाल-बाल बचे यात्री

इसी दौरान दूसरी पटरी से खगड़िया की ओर से इंटरसिटी एक्सप्रेस भी फुल स्पीड में आ रही थी। लेकिन जैसे ही उसके ड्राइवर की नजर ट्रैक पर दौड़ते यात्रियों पर पड़ी, उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाए और तेज हॉर्न बजाकर चेतावनी दी। उसकी सतर्कता और सूझबूझ से एक बड़ा रेल हादसा होते-होते बच गया, नहीं तो कई जानें जा सकती थीं।

गांव वालों की सूझबूझ ने निभाई बड़ी भूमिका

इंजन में लगी आग की खबर जैसे ही आसपास के गांवों तक पहुंची, ग्रामीण अपने-अपने घरों से बाल्टी-बाल्टी पानी लेकर दौड़ पड़े। कुछ ही मिनटों में सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और दमकल आने से पहले ही आग बुझाने की कोशिश में जुट गए। करीब आधे घंटे बाद जब दमकल की गाड़ियाँ पहुंचीं, तब तक आग काफी हद तक काबू में आ चुकी थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड ने पूरी तरह आग बुझाई।

यात्रियों की आपबीती: "हमने मौत को करीब से देखा"

ट्रेन में सवार मुंगेर निवासी शिवम कुमार और राजा कुमार ने बताया कि ट्रेन रुकने के बाद भी यात्री बेसुध हालत में खेतों और ट्रैक की ओर भागते रहे। उनके मुताबिक, आग से जितना नुकसान नहीं हुआ, उससे कहीं ज्यादा जान का खतरा इंटरसिटी ट्रेन से टकराकर हो सकता था। अगर दूसरी ट्रेन के चालक ने समय पर ब्रेक नहीं लगाया होता, तो यह हादसा भयावह इतिहास बन सकता था।

रेलवे की भूमिका और लापरवाही पर सवाल

इस घटना ने रेलवे की तैयारियों और इंजन में आग लगने की संभावनाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब डेमू जैसी छोटी दूरी की ट्रेनों में तकनीकी खराबी से आग लगी हो। इससे पहले भी बिहार और झारखंड में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां यात्रियों की जान जोखिम में पड़ चुकी है।

अब ज़रूरी है सतर्कता और सुधार

इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि रेलवे को सुरक्षा मानकों में सुधार की सख्त ज़रूरत है। साथ ही यात्रियों को भी आपात स्थितियों में सूझबूझ और संयम बनाए रखना चाहिए। ग्रामीणों और इंटरसिटी के ड्राइवर की समझदारी ने दर्जनों जानें बचा लीं, लेकिन यह सवाल छोड़ गई कि अगली बार हम इतनी किस्मत वाले होंगे या नहीं?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।