Chakradharpur Meeting: टोटो चालकों की बड़ी रणनीति! कौन संभालेगा अगली कमान?
चक्रधरपुर में टोटो चालक संघ की अहम बैठक हुई जिसमें संघ के पुनर्गठन और अनुशासन पर खास चर्चा हुई। जानिए कौन होंगे नए जिम्मेदार चेहरे और क्या होगी संघ की अगली रणनीति।

चक्रधरपुर: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में इन दिनों टोटो चालकों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। टोटो चालक संघ के पुनर्गठन को लेकर शनिवार को पोडाहाट मैदान में एक अहम रणनीतिक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे शकील खान ने इस मौके पर संगठन के भविष्य की दिशा तय करने के लिए नए चेहरे और नई सोच को शामिल करने की बात कही।
लेकिन सवाल ये है – क्या यह बदलाव केवल नाम का होगा, या फिर संघ की राजनीति में कोई बड़ा मोड़ आने वाला है?
शकील खान का बड़ा बयान: "अब नए चेहरों को मिले जिम्मेदारी"
बैठक में शकील खान ने साफ तौर पर कहा कि टोटो संघ को मजबूत और संगठित करने के लिए जरूरी है कि नए सदस्यों को भी नेतृत्व में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा, “समय आ गया है कि हम जिम्मेदारी को बांटें और संगठन में नई ऊर्जा भरें।”
उन्होंने सभी चालकों से अपील की कि रविवार, 20 अप्रैल को सुबह 11 बजे पोडाहाट मैदान में होने वाली संघ की विशेष बैठक में जरूर पहुंचें। यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि संगठन की पूरी रूपरेखा बदल सकती है।
मंगल सरदार की चेतावनी: "अनुशासन टूटेगा तो व्यवस्था बिखरेगी"
बैठक में मंगल सरदार ने टोटो चालकों से साफ कहा कि अगर वे चक्रधरपुर में संगठित रहना चाहते हैं तो सबसे जरूरी है अनुशासन बनाए रखना।
उन्होंने कहा, “अगर हम आपस में एकजुट और व्यवस्थित नहीं रहेंगे, तो बाहरी हस्तक्षेप और प्रशासनिक परेशानियां हमारे लिए बढ़ती जाएंगी।”
मंगल सरदार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शहर में टोटो चालकों को लेकर नियमों और लाइसेंसिंग पर चर्चा जोरों पर है।
इतिहास क्या कहता है?
टोटो एक समय केवल बड़े शहरों में ट्रांसपोर्ट का एक विकल्प माने जाते थे। लेकिन पिछले एक दशक में छोटे शहरों और कस्बों में इनकी संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
चक्रधरपुर जैसे कस्बाई क्षेत्र में टोटो न केवल लोगों की रोजमर्रा की ज़रूरत हैं, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का साधन भी।
लेकिन टोटो चालकों का संघ पहले भी कई बार विघटन, गुटबाजी और नेतृत्व के अभाव से जूझता रहा है। यही कारण है कि इस बार पुनर्गठन को लेकर इतनी गंभीरता देखी जा रही है।
बैठक में कौन-कौन रहा शामिल?
इस बैठक में टोटो समुदाय के कई प्रभावशाली नाम शामिल रहे, जिनमें रोहित सिंह सरदार, रोशन साव, जितेन्द्र विश्वकर्मा, कपिल शर्मा, कार्तिक प्रधान, जोसेफ़ बोदरा, गौतम राम, इरसात पप्पू, मेघनाद प्रधान और रोशन हांसदा जैसे नाम प्रमुख थे।
इन सभी सदस्यों ने संघ की मजबूती और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ने पर सहमति जताई।
क्या वाकई बदलेगा संघ का चेहरा?
अब सवाल ये है कि रविवार को होने वाली बैठक महज औपचारिक आयोजन होगी या फिर इसका असर ज़मीन पर भी दिखेगा?
क्या वाकई नए चेहरों को मौका मिलेगा?
या फिर ये सारी बातें पुरानी राजनीति की तरह सिर्फ वादों तक सीमित रह जाएंगी?
टोटो चालकों के बीच इस समय बड़ा उत्साह है लेकिन साथ ही एक सतर्कता भी – कहीं यह एक और मीटिंग बनकर इतिहास न दोहराए।
संघ का भविष्य तय करने वाली यह बैठक चक्रधरपुर में टोटो चालकों के बीच लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी।
बदलाव की दस्तक या रस्म अदायगी?
संघ का पुनर्गठन कोई मामूली बात नहीं। जब कोई संगठन बदलाव की ओर बढ़ता है, तो उसमें केवल नेता ही नहीं, सदस्य भी परीक्षा में होते हैं।
चक्रधरपुर का टोटो चालक संघ अब एक ऐसे मोड़ पर है, जहां या तो एक नई शुरुआत होगी या फिर पुराने ढर्रे पर ही सफर जारी रहेगा।
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