Jamshedpur Launch: टाटा स्टील फाउंडेशन ने जमशेदपुर में खोला तीसरा बॉक्सिंग सेंटर, युवाओं को मिलेगा नया मुकाम
जमशेदपुर के सीतारामडेरा में टाटा स्टील फाउंडेशन ने तीसरा बॉक्सिंग सेंटर शुरू किया। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस केंद्र का उद्देश्य है युवाओं को खेलों के ज़रिए सशक्त बनाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके सपनों को उड़ान देना।

जमशेदपुर — एक समय था जब इस्पात नगरी अपनी औद्योगिक पहचान के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब यह खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनती जा रही है। टाटा स्टील फाउंडेशन ने सीतारामडेरा में अपने तीसरे बॉक्सिंग ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन कर एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह केंद्र ना केवल आधुनिक उपकरणों और तकनीकी सहायता से युक्त है, बल्कि इसका उद्देश्य जमशेदपुर के युवाओं को नई दिशा देना भी है।
यह बॉक्सिंग सेंटर नामदा और बारीडीह में पहले से चल रहे केंद्रों के बाद तीसरा ऐसा केंद्र है, जो टाटा स्टील फाउंडेशन की खेल संस्कृति को और सशक्त करता है। उद्घाटन समारोह में कई दिग्गजों की उपस्थिति ने इस पहल की गरिमा को और बढ़ा दिया। टाटा स्टील मेरामंडली के वाइस प्रेसिडेंट ऑपरेशंस उत्तम सिंह, टाटा स्टील कॉरपोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी, झारखंड बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव आनंद बिहारी दुबे, टाटा स्टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय और अर्बन सर्विसेज हेड केशव कुमार सहित कई अन्य गणमान्य अतिथि इस मौके पर मौजूद रहे।
इतिहास की पृष्ठभूमि
टाटा स्टील फाउंडेशन ने हमेशा से ही सामुदायिक विकास को प्राथमिकता दी है। चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य या खेल, संस्था ने हर क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया है। बॉक्सिंग जैसे चुनौतीपूर्ण खेल में जब नामदा और बारीडीह में केंद्र खोले गए, तब किसी ने सोचा नहीं था कि इतने कम समय में 710 से अधिक बच्चे जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। आज 105 से अधिक युवा खिलाड़ियों ने केवल बॉक्सिंग में पदक जीतकर जमशेदपुर को गौरवान्वित किया है।
केंद्र की विशेषताएं
सीतारामडेरा स्थित यह नया सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। प्रशिक्षित और अनुभवी कोच की देखरेख में खिलाड़ियों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार किया जाएगा। यह केंद्र केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यहां जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
उत्तम सिंह ने अपने संबोधन में कहा, "खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का जरिया है। इंटर-टीम टूर्नामेंट्स युवाओं में आत्मविश्वास और टीम भावना को मजबूत करते हैं।" उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इन सुविधाओं का पूरा लाभ उठाएं।
वहीं चाणक्य चौधरी ने कहा, "यह केंद्र केवल खेल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक संस्कारशाला भी है। जो बच्चे यहां आएंगे, वे खेल के साथ-साथ अनुशासन, आत्मविश्वास और जिम्मेदारी भी सीखेंगे।"
सपनों की उड़ान
सौरव रॉय ने गर्व के साथ बताया कि अब तक टाटा स्टील फाउंडेशन के तीनों केंद्रों से निकल कर 710 से अधिक बच्चों ने खुद को साबित किया है। "हमें गर्व है कि हम बच्चों को न सिर्फ ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि उन्हें एक पहचान, एक सपना और उसे पूरा करने का प्लेटफॉर्म भी दे रहे हैं।"
जमशेदपुर का यह तीसरा बॉक्सिंग सेंटर ना केवल युवाओं को मुक्केबाज़ी में प्रशिक्षण देगा, बल्कि यह साबित करेगा कि छोटे शहरों से भी बड़े खिलाड़ी निकल सकते हैं। आने वाले समय में यह केंद्र ओलंपियन तैयार करने की क्षमता रखता है। टाटा स्टील फाउंडेशन की यह पहल न केवल खेलों को बढ़ावा देने वाली है, बल्कि यह युवाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने की दिशा में एक सुनहरा अध्याय है।
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