Free Fire Game Fight : फ्री फायर गेम ने करवा दी लाठी-डंडे से जंग, बाइक भी छीन ली गई!

बगहा में फ्री फायर गेम के लेवल और पैसों के लेनदेन को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। एक पक्ष ने बाइक छीनने का आरोप लगाया है। जानिए पूरा मामला, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग का अंधकार साफ नजर आता है।

Apr 19, 2025 - 20:30
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Free Fire Game Fight : फ्री फायर गेम ने करवा दी लाठी-डंडे से जंग, बाइक भी छीन ली गई!
Free Fire Game Fight : फ्री फायर गेम ने करवा दी लाठी-डंडे से जंग, बाइक भी छीन ली गई!

बिहार के बगहा जिले से आई यह खबर जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही आज के युवाओं की डिजिटल लत का काला सच भी बयां करती है। फ्री फायर जैसे पॉपुलर मोबाइल गेम ने यहां दो गुटों को आमने-सामने खड़ा कर दिया—और इस बार स्क्रीन की बजाय असली लाठी-डंडे चले, यहां तक कि बाइक भी छीन ली गई!

शुक्रवार की रात, चौतरवा से कैलाची जाने वाले मुख्य पथ पर स्थित एक ईंट भट्ठा चिमनी के पास दो गुटों में विवाद इतना बढ़ा कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। दावा किया जा रहा है कि इस लड़ाई की जड़ में था – फ्री फायर गेम के अंदर लेवल बेचना और उसका भुगतान न होना।

बाइक छीनी गई या आरोप लगाया गया?

मामले में जौकटिया गांव (मझौलिया थाना क्षेत्र) के तीन युवकों—सूरज कुमार, अभिषेक पासवान, और रिशु साहनी ने आरोप लगाया है कि भैरोगंज मुख्य मार्ग के पास, कौलची गांव के नजदीक उनकी अपाचे बाइक छीन ली गई। दूसरी ओर, पुलिस को जांच में जो जानकारी मिली, वो थोड़ा अलग एंगल पेश करती है।

थानाध्यक्ष संजीत कुमार के अनुसार, भैरोगंज के अभिषेक सिंह और उपरोक्त युवकों के बीच पैसे का लेनदेन हुआ था, जो सीधे तौर पर फ्री फायर गेमिंग लेवल से जुड़ा हुआ है। पैसे न मिलने के चलते गुस्सा बढ़ा और दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए।

पहले भी हो चुकी है बहस!

जांच में यह भी सामने आया कि ये पहला मौका नहीं था जब इन युवकों के बीच विवाद हुआ हो। पहले भी पैसे को लेकर आपसी बहस हो चुकी थी। शुक्रवार को वह बहस हिंसा में तब्दील हो गई।

जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक जौकटिया के सूरज कुमार और रिशु साहनी अपनी बाइक वहीं छोड़कर फरार हो चुके थे। इस दौरान थाना में डीआईयू (District Investigation Unit) की टीम ने भी घटना की जानकारी ली।

SDPO ने खुद संभाली कमान

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीपीओ कुमार देवेंद्र मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की वस्तुस्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में जुटी है और आरोपों की पुष्टि के लिए सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई जबरन वसूली या हिंसा में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फ्री फायर: खेल या खतरा?

2017 में लॉन्च हुआ Free Fire गेम आज युवाओं में बेहद लोकप्रिय है। लेकिन यह अकेला मामला नहीं है जहां इस गेम की वजह से हिंसा हुई हो। देशभर से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां पैसे के लेनदेन या गेम के अंदर की खरीदारी को लेकर दोस्त दुश्मन बन बैठे। झारखंड, बंगाल और यूपी में पहले भी इसी तरह के विवाद सामने आ चुके हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो डिजिटल गेम्स, खासकर "पेड-टू-विन" वाले गेम्स, युवाओं के बीच कर्ज, झगड़ा और अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। और जब तक जागरूकता नहीं लाई जाएगी, तब तक ऐसे विवादों की आग और भड़कती रहेगी।

क्या कहती है कानून व्यवस्था?

फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है। बाइक छीनने और मारपीट के आरोपों की जांच हो रही है। लेकिन यह मामला सिर्फ एक थाने तक सीमित नहीं है—यह सवाल उठाता है कि हमारा युवा वर्ग कहां जा रहा है, और एक मोबाइल गेम कैसे किसी की जिंदगी को अंधेरे में धकेल सकता है।

बगहा में हुई यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था को, बल्कि समाज को भी चेतावनी देती है कि ऑनलाइन गेमिंग अब महज टाइमपास नहीं रहा। यह दोस्ती तोड़ सकता है, हिंसा करा सकता है, और यहां तक कि कानूनी कार्रवाई की नौबत ला सकता है।

अब सवाल यह है—क्या समय रहते इस पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा? या हम अगली बार किसी और शहर से इसी तरह की खबर सुनने को तैयार रहें?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।