Nawada Review: नवादा में डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच को बताया प्राथमिकता, योजनाओं की मासिक समीक्षा

नवादा के डीएम रवि प्रकाश ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। जानिए मासिक बैठक में की गई चर्चा और आगामी योजनाओं के बारे में।

Dec 21, 2024 - 17:11
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Nawada Review: नवादा में डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच को बताया प्राथमिकता, योजनाओं की मासिक समीक्षा
Nawada Review: नवादा में डीएम ने आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच को बताया प्राथमिकता, योजनाओं की मासिक समीक्षा

नवादा जिला में बाल विकास परियोजना के तहत संचालित योजनाओं और सेवाओं की मासिक समीक्षा बैठक डीएम रवि प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की वर्तमान स्थिति और उनकी कार्यप्रणाली पर गहरी चर्चा की गई। डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि केंद्रों का निरीक्षण उनके कार्य का प्रमुख हिस्सा होना चाहिए और योजनाओं के सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है।

जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति और पंजीकरण आंकड़े

जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 1067 केंद्रों का अपना भवन है।

  • शून्य से एक वर्ष के बच्चों के लिए 10409 लाभुकों का पंजीकरण मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में हुआ है।
  • एक से दो वर्ष के बच्चों के लिए 165 लाभुकों का पंजीकरण किया गया है।

डीएम का निरीक्षण पर जोर: क्या हैं नए निर्देश?

डीएम रवि प्रकाश ने बैठक के दौरान सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षकों को केंद्रों की सख्त जांच करने के निर्देश दिए।

  1. पोषाहार वितरण: आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषाहार का वितरण समय पर और सही मानक के अनुसार किया जाए।
  2. टीएचआर (टेक होम राशन) वितरण: सभी केंद्रों पर टीएचआर का वितरण ससमय और सही तरीके से किया जाए।
  3. शौचालय और जल सुविधा: केंद्रों पर शौचालय निर्माण और पेयजल की सुविधा (चापाकल या नल-जल कनेक्शन) सुनिश्चित की जाए।

डीएम ने महिला पर्यवेक्षकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वे हर दिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें और टीएचआर वितरण का डाटा अपलोड करें।

कुपोषण पर विशेष ध्यान

कुपोषण से निपटने के लिए डीएम ने महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने केंद्रों पर अति कुपोषित बच्चों की पहचान करें और उन्हें एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) भेजने की प्रक्रिया सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने बच्चों के वजन की निगरानी के लिए वेट मशीन की उपलब्धता पर भी जोर दिया।

इतिहास: बाल विकास परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान

बाल विकास परियोजना (ICDS) की शुरुआत 1975 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारना था। नवादा जैसे जिलों में यह परियोजना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर कई परिवारों को स्वस्थ आहार और विकास की योजनाओं की जरूरत होती है। इस परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और माताओं को पोषण आहार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

महिला पर्यवेक्षकों का योगदान और जिम्मेदारी

महिला पर्यवेक्षकों को जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश ने विशेष रूप से निर्देशित किया कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के पोषण और शिक्षा से संबंधित हर पहलू पर ध्यान दें। वे नियमित निरीक्षण करें, केंद्रों पर टीएचआर वितरण, पोषाहार वितरण और बच्चों के वजन की सही रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।

नवादा के आंगनबाड़ी केंद्रों का भविष्य

इस बैठक में डीएम रवि प्रकाश ने आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार की दिशा में नए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। आंगनबाड़ी केंद्रों के नियमित निरीक्षण और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से नवादा जिले के बच्चों और महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है।

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