Jamshedpur Raid Action: स्कूल के पास तम्बाकू बेचने वालों पर चली प्रशासन की गाज, मचा हड़कंप!
जमशेदपुर के स्कूलों के पास तम्बाकू की अवैध बिक्री पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की। दो दुकानदारों पर जुर्माना, कई को दी चेतावनी। कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई के बाद इलाके में मचा हड़कंप।
धालभूम (जमशेदपुर) – शिक्षा के मंदिरों के आसपास जहर बिक रहा हो, तो समाज की बुनियाद पर ही हमला होता है। यही सोचकर जमशेदपुर प्रशासन ने कदमा स्थित डीबीएमएस स्कूल के आसपास तंबाकू उत्पादों की अवैध बिक्री पर छापेमारी कर दी। इस कार्रवाई ने न सिर्फ स्थानीय दुकानदारों में हड़कंप मचा दिया, बल्कि पूरे इलाके को सख्त संदेश भी दे दिया।
यह छापेमारी अभियान अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार के नेतृत्व में चलाया गया, जिसमें खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मो. मंजर भी मौजूद रहे। स्कूल के 100 गज के दायरे में आने वाली दुकानों की बारीकी से जांच की गई। जहां नियमों का उल्लंघन मिला, वहां चेतावनी दी गई और दो दुकानदारों पर मौके पर जुर्माना भी लगाया गया।
क्या है कोटपा एक्ट और क्यों है यह जरूरी?
यह कार्रवाई कोटपा एक्ट, 2003 (COTPA - Cigarettes and Other Tobacco Products Act) के अंतर्गत की गई, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री अवैध है।
इस कानून को भारत सरकार ने युवाओं को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए लागू किया था। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि देश के कई हिस्सों में स्कूलों के पास ही गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और पान-मसाला खुलेआम बेचे जाते हैं, जो बच्चों की पहुंच में भी होते हैं।
इतिहास गवाह है कि WHO और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई बार चेतावनी दी है कि किशोरावस्था में तंबाकू की लत जीवनभर की बीमारी में बदल सकती है। बावजूद इसके, कई बार इस कानून की अनदेखी होती रही है।
छापेमारी ने जगाई जागरूकता
जमशेदपुर की इस छापेमारी का लोगों पर सकारात्मक असर पड़ा है। स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना की है।
एसडीओ शताब्दी मजूमदार ने सख्त लहजे में कहा कि प्रशासन ऐसे मामलों में "शून्य सहनशीलता" की नीति अपनाएगा। उन्होंने जनता से अपील की है कि यदि किसी को स्कूलों या कॉलेजों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री की जानकारी मिले, तो वह तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
क्यों जरूरी है ये अभियान?
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उपभोक्ता देश है, और इसमें बड़ी संख्या किशोर और युवा हैं।
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 13 लाख लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण मरते हैं।
ऐसे में यह कार्रवाई केवल कानून का पालन कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को नशे से दूर रखने का संकल्प भी है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। शहर के अन्य हिस्सों में भी स्कूलों और कॉलेजों के पास ऐसी दुकानों की जांच की जाएगी। जिन दुकानदारों को बार-बार चेतावनी के बावजूद नियम तोड़ते पाया गया, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और दुकान सील करने तक की कार्रवाई की जाएगी।
ये सिर्फ छापेमारी नहीं, समाज के लिए चेतावनी है
यह मामला बताता है कि प्रशासन जब चाहे तो तंबाकू जैसे जहर को भी नकेल कस सकता है। लेकिन इसकी असली जीत तभी होगी जब जनता भी इस लड़ाई में शामिल होगी।
बच्चों को सुरक्षित, युवाओं को जागरूक और स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए यह अभियान एक मील का पत्थर साबित हो सकता है – बशर्ते समाज इसे गंभीरता से ले।
What's Your Reaction?


