Ranchi Storm: बिना मौसम चेतावनी के आफत बनकर टूटा तूफान, ओलों ने मचाई भारी तबाही
रांची में अचानक आई तेज आंधी और ओलावृष्टि से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। पेड़ गिरने से संपत्ति को नुकसान पहुंचा और कई कारों के शीशे टूटे। पढ़ें पूरी खबर।

रांची: शुक्रवार को दोपहर बाद राजधानी रांची में मौसम ने ऐसा करवट ली कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। दोपहर करीब 2 बजे अचानक आसमान में घने बादल छाए, तेज हवा चली और देखते ही देखते शहर पर आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की मार टूट पड़ी। करीब तीन घंटे तक शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
तेज गर्जना के साथ शुरू हुई बारिश ने पहले तो लोगों को गर्मी से राहत दी, लेकिन कुछ ही देर में यह राहत आफत में बदल गई। ओलों के साथ आई इस बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचा दी। घरों की छतें उड़ीं, पेड़ गिरे और वाहनों को नुकसान पहुंचा।
कई इलाकों में पेड़ गिरने से हुआ भारी नुकसान
बारिश और तेज तूफान की वजह से रांची के बड़े तालाब क्षेत्र में स्थित सुलभ शौचालय पर एक विशाल पेड़ गिर पड़ा। इससे शौचालय की छत और दीवार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। जानकारी मिलते ही नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ को काटकर हटाया गया। इस प्रक्रिया में देर शाम तक समय लगा।
शहर के कई अन्य हिस्सों जैसे बरियातू, हिनू, खेलगांव और मोरहाबादी में भी पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। कई जगह बिजली के तार भी टूट गए, जिससे अस्थायी रूप से बिजली आपूर्ति बाधित रही।
ओलों की बारिश बनी सोशल मीडिया की सनसनी
इस अनपेक्षित ओलावृष्टि ने जहां एक ओर भारी नुकसान पहुंचाया, वहीं लोगों में अलग ही उत्साह देखने को मिला। मोरहाबादी हॉकी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे खिलाड़ी बारिश और ओलों के बीच मस्ती करते नजर आए। कई लोगों ने ओले जमा कर फोटो और सेल्फी लीं और तुरंत सोशल मीडिया पर शेयर किया।
लोग छतों और गलियों में निकलकर ओले बटोरते दिखे, मानो किसी मेले में आए हों। इस दृश्य ने कुछ पल के लिए लोगों के चेहरे पर मुस्कान जरूर ला दी, लेकिन इससे हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई आसान नहीं।
वाहनों और घरों को सबसे ज्यादा नुकसान
हरमू और कोकर जैसे क्षेत्रों में ओलों की मार इतनी तीव्र थी कि कई कारों के शीशे टूट गए। कई वाहन मालिकों ने बताया कि उनके वाहन पार्किंग में खड़े थे, लेकिन ओलों की बौछार इतनी तेज थी कि शीशे चकनाचूर हो गए। इसके चलते बीमा दावे और मरम्मत की चिंता अब लोगों को सता रही है।
वहीं दूसरी ओर, रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे हुंडरू, हरा टांड़, गड़हा टोली और डाडी डीपा में कई घरों की छतें उड़ गईं। एस्बेस्टस और खपरैल की छतों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। कई ग्रामीण परिवार अब अस्थायी इंतजामों के सहारे गुजर-बसर कर रहे हैं।
सड़कों पर जलजमाव, यातायात पर असर
तीव्र बारिश के कारण शहर के कई मुख्य सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन गई। बरियातू रोड, जयपाल सिंह स्टेडियम, सेवा सदन और डेली मार्केट जैसे इलाकों में पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को काफी परेशानी हुई।
इन इलाकों में घंटों तक ट्रैफिक की गति धीमी रही, और कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई। नगर निगम को नालियों की सफाई और जल निकासी व्यवस्था पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
विशेषज्ञों के अनुसार, बिन मौसम ओलावृष्टि और तेज तूफानों की संख्या में बढ़ोतरी एक बड़ा संकेत है कि जलवायु परिवर्तन अब हमारे दरवाज़े पर है। झारखंड जैसे राज्य में मार्च-अप्रैल में आंधी या बारिश कोई नई बात नहीं, लेकिन इतनी तीव्र ओलावृष्टि पहले कम ही देखी गई।
पिछले कुछ वर्षों में रांची समेत पूरे राज्य में मौसम की अनियमितता बढ़ी है। यही कारण है कि मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी और सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया अब पहले से ज्यादा अहम हो गई है।
रांची में शुक्रवार को हुई यह घटना केवल एक मौसमीय बदलाव नहीं थी, बल्कि यह एक चेतावनी थी कि प्रकृति कब क्या कर दे, कोई नहीं जानता। तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी ने जहां एक ओर शहर को चौंका दिया, वहीं लोगों को तैयार रहने की सीख भी दे दी।
अब देखना यह है कि प्रशासन आने वाले दिनों में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए कितनी सजगता दिखाता है और क्या आम लोगों को राहत मिल पाती है या नहीं।
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