Hazaribagh Clash: ज़मीन के झगड़े में दादा की हत्या, दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष, गांव में मचा हड़कंप
हजारीबाग के कटकमसांडी के होरिया गांव में ज़मीन विवाद ने खूनी मोड़ ले लिया, जब दो पक्षों के बीच झगड़े में 80 वर्षीय बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई। जानिए पूरी घटना की चौंकाने वाली कहानी।

हजारीबाग ज़िले के शांत कहे जाने वाले कटकमसांडी थाना क्षेत्र के होरिया गांव में शुक्रवार की शाम ऐसा तूफान आया जिसने एक बुजुर्ग की जान ले ली और पूरे गांव को सन्न कर दिया। सिर्फ़ ज़मीन का टुकड़ा—जिसे लेकर तीन भाइयों के बीच वर्षों से विवाद चल रहा था—उसने पूरे परिवार को खूनी संघर्ष में धकेल दिया।
क्या है पूरा मामला?
घटना 19 अप्रैल की देर शाम की है। गांव के दो परिवारों—मनोज प्रसाद मेहता और प्रमोद कुमार मेहता के बीच ज़मीन को लेकर पुराना झगड़ा था। ये विवाद "दोजीनगर" की ज़मीन को लेकर था, जो कि दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से कोर्ट और पंचायतों के चक्कर काट रहा था।
शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच होरिया गांव के पास इटखोरी मोड़ में पंचायत होनी थी, जहां समझौते की उम्मीद थी। लेकिन, बात बनने की बजाय बिगड़ गई। सुलह की कोशिशें नाकाम हुईं और शाम होते-होते गांव में लाठियां, टांगी और यहां तक कि पिकअप गाड़ियों का भी इस्तेमाल होने लगा।
बुजुर्ग शिवनाथ महतो की मौके पर मौत
इस झगड़े की सबसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ी 80 वर्षीय शिवनाथ महतो को। वो दोनों पक्षों में ‘दादा’ के रूप में रिश्तेदार थे। सीसीएल (Central Coalfields Limited) में माइनिंग सरदार रह चुके शिवनाथ महतो हाल ही में वर्ष 2024 में रिटायर हुए थे और गांव लौटकर शांतिपूर्ण जीवन जी रहे थे।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
मारपीट के दौरान, एक पक्ष का आरोप है कि उन पर टांगी से हमला हुआ, जबकि दूसरा पक्ष कहता है कि उन्हें पिकअप गाड़ी से कुचल कर मारा गया। हत्या के आरोपों में उलझे दोनों परिवार अब एक-दूसरे के खिलाफ केस दर्ज करवा रहे हैं।
दोनों पक्षों के सात लोग घायल, तीन की हालत गंभीर
घटना में कुल 7 लोग घायल हुए हैं:
-
मनोज प्रसाद मेहता और उनके पुत्र लालजी मेहता (एक पक्ष)
-
प्रमोद मेहता, राजेश मेहता, विमली देवी, परमेश्वर मेहता और गीता मासोमात (दूसरा पक्ष)
इनमें से राजेश मेहता, विमली देवी और परमेश्वर मेहता को गंभीर हालत में रांची रेफर किया गया है। बाकी का इलाज शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में जारी है।
क्या था विवाद का इतिहास?
ग्रामीणों का कहना है कि यह विवाद पिछले चार वर्षों से चल रहा था। एक ही परिवार के तीन भाइयों के बीच पैतृक ज़मीन का बंटवारा विवाद का मूल था। इससे पहले भी मारपीट और कानूनी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया।
19 अप्रैल की पंचायत उम्मीद थी कि इस विवाद का अंत करेगी, लेकिन इसके ठीक उलट, बात हत्या तक पहुंच गई।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही कटकमसांडी थाना प्रभारी राजबलभ कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने शिवनाथ महतो का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी सुधीर प्रसाद मेहता को गिरफ्तार किया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि "हत्या किसने की, यह अभी स्पष्ट नहीं है। दोनों पक्षों से गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ़ होगी।"
गांव में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण शांति है। ग्रामीण डरे हुए हैं और प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। पंचायत को लेकर लोगों में ग़ुस्सा है कि यदि समय पर उचित समझौता होता तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी।
एक ज़मीन का टुकड़ा और पुराना पारिवारिक विवाद कैसे एक शांत बुजुर्ग की जान ले सकता है—होरिया गांव की यह घटना उसकी सबसे भयावह मिसाल बन गई है। अब सवाल है कि क्या यह आखिरी घटना थी या गांव अब भी किसी और झगड़े की चपेट में आने वाला है? पुलिस जांच के नतीजे और गांव में प्रशासन की सक्रियता ही भविष्य तय करेगी।
What's Your Reaction?






