Ranchi Protest: एयर शो से इतर, विस्थापितों पर टूट रहा ज़ुल्म! विधायक जयराम महतो ने उठाई गंभीर आवाज़!
रांची में एयर शो की चकाचौंध के बीच विधायक जयराम महतो ने विस्थापितों पर हो रहे अन्याय को लेकर उठाई आवाज़। प्रेम महतो जैसे शहीदों के बलिदान पर खड़ा झारखंड अब भी हक से वंचित क्यों? पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

झारखंड की राजनीति में जनपक्षधरता के लिए पहचाने जाने वाले विधायक जयराम महतो ने हाल ही में रांची में आयोजित भव्य एयर शो की सराहना तो की, लेकिन साथ ही विस्थापितों की दशा पर ध्यान खींचते हुए एक सटीक सवाल किया – "क्या शो की चकाचौंध में हम उन लोगों को भूल गए हैं, जिनकी ज़मीन पर यह सब बना है?"
क्या कहा महतो ने?
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा:
“मंत्री जी, झारखंड के विस्थापित मारे जा रहे हैं, उनका शोषण किया जा रहा है। ये राज्य का बेहद गंभीर मसला है। प्रेम महतो जैसे शहीदों की शहादत पर बने इस राज्य को आज भी संवैधानिक अधिकार नहीं मिले।”
इतिहास में झांकें तो...
झारखंड की बुनियाद जिन आंदोलनों पर रखी गई, उनमें प्रेम महतो, बिरसा मुंडा जैसे शहीदों की कुर्बानी आज भी अमिट है। यह राज्य 2000 में बिहार से अलग होकर अपने अधिकारों के लिए बना था, लेकिन 25 वर्षों बाद भी विस्थापन और पुनर्वास के सवाल वहीं खड़े हैं।
केंद्रीय मंत्री और विस्थापन पर दोहरी चुप्पी?
महतो ने यह भी कहा कि आज झारखंड से दो-दो केंद्रीय मंत्री दिल्ली में बैठे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की कंपनी बोकारो स्टील लिमिटेड (BSL) ने 500 विस्थापितों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए हैं। सवाल यह है कि जब प्रतिनिधित्व इतना मज़बूत है तो न्याय क्यों नहीं?
बीएसएल पर गंभीर आरोप
Bokaro Steel Plant, जो राज्य की औद्योगिक रीढ़ है, वर्षों से स्थानीय निवासियों को विस्थापित करता आया है। लेकिन अब आरोप है कि इन लोगों को रोजगार देने के बजाय उन्हें झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। महतो ने चेतावनी दी है कि यदि ये मुकदमे वापस नहीं लिए गए और विस्थापितों को नियोजन नहीं मिला, तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
राज्य बनाम चमकदार आयोजनों की राजनीति
रांची में आयोजित एयर शो, रक्षा मंत्री के सहयोग से किया गया एक हाई-प्रोफाइल इवेंट था। लेकिन महतो के मुताबिक, यह आयोजन सिर्फ आभासी सफलता का पर्दा है, जो जमीनी सच्चाई को ढंकने की कोशिश करता है। उनका कहना है कि यह वक्त है जब सरकार को विस्थापितों की ज़िंदगी में भी ‘एयर शो’ जैसी रोशनी लानी चाहिए।
क्या है समाधान?
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BSL को झूठे मुकदमे तुरंत वापस लेने चाहिए।
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विस्थापितों को रोजगार देने की नीति तत्काल बननी चाहिए।
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केंद्र और राज्य सरकार को विस्थापितों के पुनर्वास के लिए संयुक्त कार्यबल बनाना चाहिए।
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जिनकी ज़मीन ली गई, उन्हें सम्मानजनक जीवन दिया जाए – सिर्फ मुआवज़ा नहीं।
विधायक जयराम महतो की यह टिप्पणी केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि झारखंड के इतिहास और वर्तमान के बीच की विसंगतियों पर गहरी चोट है। अगर राज्य की आत्मा को सच्चा सम्मान देना है, तो केवल शो नहीं, संवेदना और समाधान भी ज़रूरी हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार इस आवाज़ को सुनेगी, या फिर यह भी एयर शो के शोर में कहीं दबकर रह जाएगी।
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