Chakradharpur Observation: महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

चक्रधरपुर में महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि मनाई गई, जहां रेलवे अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

Dec 6, 2024 - 14:02
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Chakradharpur Observation: महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
Chakradharpur Observation: महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

चक्रधरपुर: 6 दिसंबर को हर साल पूरे देश में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है, जो कि भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की पुण्यतिथि के रूप में जाना जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार और समाजिक न्याय के संघर्षकर्ता डॉ. अंबेडकर की महानता और उनके योगदान को याद करने का अवसर होता है।

डॉ. अंबेडकर की अनमोल विरासत

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन का संपूर्ण समय समानता, समाजिक न्याय, और जाति व्यवस्था को समाप्त करने के लिए समर्पित किया। उन्होंने न केवल भारतीय संविधान का निर्माण किया, बल्कि समाज में व्याप्त जातिवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई। उनके नेतृत्व, दर्शन और सुधारक दृष्टिकोण ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी।

चक्रधरपुर में श्रद्धांजलि समारोह

महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर, 6 दिसंबर 2024 (शुक्रवार) को चक्रधरपुर के DRM ऑफिस परिसर में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रेलवे के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों ने इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर की तस्वीर पर फूलमाला अर्पित की और उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। इस समारोह की शुरुआत डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।

सम्माननीय DRM का संबोधन

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और DRM श्री अरुण जतोह राठौड़ ने अपने संबोधन में डॉ. अंबेडकर के जीवन और उनके समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर का संघर्ष और उनके आदर्श आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाकर समाज में समानता और न्याय की दिशा में काम करना चाहिए।

महापरिनिर्वाण दिवस का महत्व

महापरिनिर्वाण दिवस, केवल एक दिन की स्मृति नहीं बल्कि एक अवसर है, जब हम डॉ. अंबेडकर के विचारों और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। उनके योगदान का महत्व आज भी अप्रतिम है, खासकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज में समानता और न्याय के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।

डॉ. अंबेडकर की प्रेरणा से आगे बढ़ते हुए

यह कार्यक्रम समाज में डॉ. अंबेडकर के विचारों को जीवित रखने और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। उनके आदर्शों में विश्वास और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हम एक समान, समृद्ध और न्यायपूर्ण समाज की ओर बढ़ सकते हैं।

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