Kanpur Tragedy: आग में जिंदा जल गया पूरा परिवार, फैक्ट्री बनी मौत का तांडव
कानपुर के चमनगंज इलाके में जूता फैक्ट्री में भीषण आग लगने से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई। जानें कैसे चंद मिनटों में खुशहाल घर मातम में बदल गया।

कानपुर के चमनगंज में रविवार रात एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया।
एक ही परिवार के पांच लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई। आग जिस इमारत में लगी, उसमें नीचे जूता-चप्पल की फैक्ट्री चलती थी, जबकि ऊपर परिवार रहता था। महज़ कुछ मिनटों में आग चार मंजिला इमारत को अपनी चपेट में ले चुकी थी, और चौथी मंजिल पर फंसे माता-पिता और तीन बेटियों को निकलने का मौका तक नहीं मिला।
हादसे की रात: मिनटों में उजड़ गया परिवार
रविवार की रात करीब 2 बजे, प्रेम नगर इलाके की गलियों में अफरा-तफरी मच गई जब फैक्ट्री से धुएं और आग की लपटें उठती दिखीं। मोहम्मद दानिश, उनकी पत्नी नाजमी सबा और उनकी तीन मासूम बेटियां—सारा (15), सिमरा (12), और इनाया (7)—उस वक्त चौथी मंजिल पर सो रहे थे। जैसे ही आग ने ऊपरी मंजिलों को चपेट में लिया, घर का हर रास्ता बंद हो गया। दम घुटने से पांचों की मौके पर ही मौत हो गई।
आग फैली इतनी तेज़, कि दमकल भी रह गई बेबस
फैक्ट्री में ज्वलनशील केमिकल्स—डेंड्राइड और पेट्रोल की मौजूदगी ने आग को और भी खतरनाक बना दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आग सबसे पहले बेसमेंट में लगी और महज़ 20 मिनट के भीतर पूरे भवन में फैल गई। इस दौरान तीन ज़ोरदार धमाके भी हुए, जिससे गैस सिलेंडर फटने की आशंका जताई जा रही है।
दमकल विभाग को जैसे ही सूचना मिली, मौके पर 10 गाड़ियाँ और 70 से अधिक फायर फाइटर पहुंच गए। लेकिन संकरी गलियों और ऊंची इमारत के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल हो गया। लखनऊ से विशेष हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म और SDRF टीम को बुलाया गया, तब जाकर स्थिति पर आंशिक काबू पाया गया।
इतिहास गवाह है, चमनगंज जैसी गलियों में पहले भी हो चुके हैं हादसे
चमनगंज, जो कानपुर का पुराना और घनी आबादी वाला इलाका है, यहां इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं। 2018 में भी इसी इलाके में एक पटाखा गोदाम में आग लगने से कई लोगों की जान चली गई थी। बावजूद इसके, यहां बिना सुरक्षा उपायों के दर्जनों फैक्ट्रियां चलती हैं।
नियमों की अनदेखी बनी मौत की वजह?
इस घटना ने एक बार फिर नगर निगम और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या बिना फायर NOC के ऐसी फैक्ट्रियां चलने की अनुमति देना लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ नहीं? जिस फैक्ट्री में आग लगी, वह आवासीय इलाके में थी, और बिना किसी सुरक्षा उपायों के ज्वलनशील केमिकल्स का उपयोग हो रहा था।
अब क्या?
फिलहाल पुलिस ने इमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। आसपास की छह इमारतों को खाली करवा लिया गया है और फोरेंसिक टीम आग लगने के कारणों की पड़ताल कर रही है।
कानपुर की यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि हमारे शहरी विकास और लापरवाह प्रशासनिक व्यवस्था की एक दर्दनाक तस्वीर है। जब तक नियमों को कागज़ से बाहर लाकर जमीन पर नहीं उतारा जाएगा, तब तक चमनगंज जैसे इलाकों में जिंदगियां ऐसे ही आग की भेंट चढ़ती रहेंगी।
क्या आपको लगता है कि इस हादसे के लिए केवल आग जिम्मेदार थी, या हमारी लापरवाहियाँ भी इसमें बराबर की हिस्सेदार हैं?
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