Barkatha Accident: शादी से लौट रही मां-बेटे की दर्दनाक मौत, GT रोड बना काल
हजारीबाग के बरकट्ठा में शादी से लौट रही मां-बेटे की जीटी रोड पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। कंटेनर पलटने से दोनों की मौके पर ही मौत, गांव में पसरा मातम।

हजारीबाग जिले के बरकट्ठा प्रखंड अंतर्गत गोरहर गांव में सोमवार सुबह ऐसा मंजर सामने आया जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। एक तरफ जहां शादी के बाद घर लौटने की खुशी थी, वहीं दूसरी ओर जीटी रोड पर हुई एक भयानक सड़क दुर्घटना ने मां-बेटे की जिंदगी को हमेशा के लिए छीन लिया।
घटना सुबह लगभग 9:30 बजे की है जब ग्राम बंडासिंघा निवासी गेनसी देवी उर्फ भूषी (55 वर्ष) और उनके बेटे मोनू कुमार साव (25 वर्ष) एक शादी समारोह से बाइक पर सवार होकर लौट रहे थे। शादी परसिया बगडो (बगोदर) में थी, जहां वे अपने संबंधियों के घर गए थे।
जैसे ही उनकी बाइक (नंबर JH 11 AG 2115) गोरहर के पास जीटी रोड पर पहुंची, उसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे एक भारी कंटेनर (नंबर HR 55 AC 7885) ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद मां-बेटे बाइक से गिर पड़े, और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, कंटेनर अनियंत्रित होकर दोनों पर पलट गया।
GT रोड की कहानी: हादसों का काला इतिहास
जीटी रोड (ग्रांड ट्रंक रोड) एक ऐतिहासिक सड़क है जिसे शेरशाह सूरी ने 16वीं सदी में बनवाया था। यह भारत की सबसे व्यस्त और लंबी सड़कों में से एक है, जो दिल्ली से कोलकाता तक जाती है। लेकिन समय के साथ यह सड़क हादसों की भी गवाह बनती जा रही है। तेज रफ्तार, भारी वाहन और ट्रैफिक नियंत्रण की कमी इसे हादसों का गढ़ बना चुके हैं।
2 क्रेन और JCB से निकाले गए शव
घटना की सूचना मिलते ही गोरहर थाना प्रभारी सोनू कुमार मौके पर पहुंचे। लेकिन कंटेनर का वजन इतना अधिक था कि सामान्य तौर पर शव निकालना असंभव था। इसके लिए दो बड़ी क्रेन और एक जेसीबी मशीन मंगाई गई, जिनकी मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद कंटेनर को हटाया गया और शवों को निकाला गया।
गांव में पसरा मातम, परिवार का बुरा हाल
जैसे ही खबर गांव पहुंची, पूरा माहौल मातम में बदल गया। मृतका गेनसी देवी अपने क्षेत्र में सामाजिक रूप से सक्रिय महिला थीं और मोनू साव गांव के युवाओं में काफी मिलनसार था। हादसे की खबर मिलते ही गांववालों की भीड़ अस्पताल और घटनास्थल पर उमड़ पड़ी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पोस्टमार्टम के लिए बरही भेजे गए शव
पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू की और पोस्टमार्टम के लिए बरही अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया है। फिलहाल कंटेनर चालक फरार है और पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया है।
क्या कहती है जिम्मेदारी?
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या भारी वाहनों पर पर्याप्त निगरानी नहीं होनी चाहिए? क्या जीटी रोड जैसे व्यस्त मार्गों पर CCTV और स्पीड चेकिंग की सख्ती जरूरी नहीं है?
इस हादसे ने न केवल एक परिवार को उजाड़ा, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। सवाल यही है कि कितनी और जाने जाएंगी तब जागेगा सिस्टम?
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