Adityapur Innovation: उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव से झारखंड के विकास का सपना
एनआईटी जमशेदपुर में आयोजित तीन दिवसीय उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव 2024 का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने किया। यह आयोजन झारखंड को विकसित भारत के सफर में आगे ले जाने का वादा करता है।
15 नवंबर 2024: आदित्यपुर स्थित एनआईटी जमशेदपुर में तीन दिवसीय उद्योग-अकादमिक कॉन्क्लेव 2024 का शुक्रवार को भव्य उद्घाटन हुआ। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। “विकसित भारत-विकसित झारखंड: 2047” थीम पर आधारित यह आयोजन झारखंड के औद्योगिक और शैक्षणिक विकास में एक नई शुरुआत की उम्मीद जगाता है।
प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों की भागीदारी
यह कॉन्क्लेव न केवल एनआईटी जमशेदपुर, बल्कि देश के अन्य प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी धनबाद, एनआईटी रायपुर, एनआईटी मिजोरम और आईआईटी भिलाई के साथ साझेदारी का गवाह बना। कार्यक्रम में टाटा स्टील, एनटीपीसी, ओएनजीसी, डीवीसी, और कोल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों की भागीदारी ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। इसके अलावा, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और प्रमुख प्रकाशन गृह जैसे कैम्ब्रिज प्रेस और टेलर एंड फ्रांसिस ने इसे प्रायोजित किया।
झारखंड के विकास के लिए मील का पत्थर
राज्यपाल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "यह आयोजन झारखंड को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने के सपने की दिशा में एक अहम कदम है।" उन्होंने जोर दिया कि 2047 में राष्ट्र शताब्दी वर्ष तक झारखंड और भारत दोनों एक प्रगतिशील अर्थव्यवस्था के रूप में खड़े हो सकते हैं।
नवाचार और औद्योगिक समाधान पर फोकस
कॉन्क्लेव का उद्देश्य उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं, छात्रों और अकादमिक विशेषज्ञों को एक साथ लाना है। इसमें गंभीर औद्योगिक चुनौतियों पर चर्चा करने और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ शैक्षणिक अनुसंधान को वास्तविक औद्योगिक जरूरतों से जोड़ने पर जोर दिया गया।
इतिहास और भविष्य का संगम
यह कॉन्क्लेव झारखंड के औद्योगिक इतिहास और उसके भविष्य की संभावनाओं को जोड़ने का प्रयास है। झारखंड, जो प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदाओं का धनी है, औद्योगिक विकास में पहले से ही अपनी पहचान बना चुका है। लेकिन इस आयोजन का उद्देश्य झारखंड को नवाचार और शिक्षा के जरिए और अधिक आत्मनिर्भर बनाना है।
बिरसा मुंडा को समर्पित शुभकामनाएं
राज्यपाल ने इस मौके पर राज्य के लोगों को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती की शुभकामनाएं दीं और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल शिक्षा और उद्योग को जोड़ता है, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को भी सम्मानित करता है।
झारखंड के लिए उम्मीदों की नई किरण
कॉन्क्लेव ने झारखंड को औद्योगिक और शैक्षणिक विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया है। यह कार्यक्रम झारखंड के छात्रों और उद्योगों को एक साथ लाकर एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां से झारखंड के विकास का सपना हकीकत बन सकता है।
What's Your Reaction?