Ranchi Arrested : चोरी की बाइक बेचने वाला गिरोह बेनकाब, दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारी

रांची के राहे थाना क्षेत्र में सक्रिय बाइक चोर गिरोह का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार, चोरी की तीन बाइक बरामद। जानिए कैसे हुआ पर्दाफाश और किस तरह चलता था यह पूरा खेल।

Apr 20, 2025 - 17:37
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Ranchi Arrested : चोरी की बाइक बेचने वाला गिरोह बेनकाब, दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारी
Ranchi Arrested : चोरी की बाइक बेचने वाला गिरोह बेनकाब, दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरे की तलाश जारी

रांची: क्या आपने कभी किसी को बिना नंबर प्लेट की बाइक चलाते देखा है और सोचा है कि ये बाइक कहां से आती हैं? रांची पुलिस ने ऐसे ही एक बाइक चोरी गिरोह का पर्दाफाश कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो सस्ती कीमतों पर चोरी की बाइक खरीद-बेच का काम कर रहे थे।

राहे थाना पुलिस ने इस कार्रवाई में टोडांग गांव के रहने वाले दो युवकों – रोहित मुंडा (27) और अमरेश कुमार महतो (38) को पकड़ा है। दोनों राहे थाना क्षेत्र के ही निवासी हैं और पुलिस को काफी समय से इनकी तलाश थी। डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने शनिवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बड़ी सफलता की जानकारी दी।

कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि टोडांग इलाके में चोरी की बाइकें बेची जा रही हैं। जांच के क्रम में रोहित और अमरेश पुलिस के रडार पर आए। गिरफ्तारी के बाद जब उनसे पूछताछ की गई, तो उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए।

10-15 हजार रुपये में बिकती थी चोरी की बाइक
रोहित मुंडा ने बताया कि वह सिल्ली निवासी गोपाल महतो के साथ मिलकर बाइक चोरी के इस धंधे में लिप्त था। यह गिरोह बाइकें चोरी कर उन्हें मात्र 10 से 15 हजार रुपये में बेच देता था – बिना किसी कागजात के। इस पूरे नेटवर्क में एक तीसरा आरोपी गोपाल महतो अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।

पुलिस को मिली तीन बाइकें, लेकिन क्या यही अंत है?
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर तीन चोरी की बाइक बरामद कर ली हैं। लेकिन सवाल ये उठता है – क्या केवल तीन बाइकें ही चोरी हुई थीं या ये खेल कहीं ज्यादा बड़ा है? स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और दर्जनों बाइकें अब तक बेच चुका है।

इतिहास भी गवाह है – बाइक चोर गिरोह पहले भी हो चुके हैं सक्रिय
रांची और आसपास के जिलों में इससे पहले भी कई बार बाइक चोरी गिरोहों का खुलासा हो चुका है। वर्ष 2019 में भी कांके थाना क्षेत्र में इसी तरह का मामला सामने आया था, जिसमें एक गिरोह ने 50 से ज्यादा बाइकें चुराई थीं। उस मामले में भी बाइकें सस्ते दामों पर बेची जाती थीं, और किसी तरह का रजिस्ट्रेशन या पेपर वर्क नहीं होता था।

पुलिस का अगला कदम क्या होगा?
अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की तैयारी में है। डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने साफ किया कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्त में ले लिया जाएगा।

सवाल बहुत हैं, जवाब अभी अधूरे
क्या चोरी की ये बाइकें सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बेची जा रही थीं या शहर में भी इनका नेटवर्क फैला था? क्या इनका संबंध किसी बड़े आपराधिक गिरोह से भी था? पुलिस अब इन पहलुओं की भी जांच कर रही है।

रांची में बाइक चोरी का यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या आम आदमी की मेहनत की कमाई से खरीदी गई चीजें सुरक्षित हैं? पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन जब तक ऐसे नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं होते, तब तक सतर्क रहना जरूरी है।

अगर आपने भी हाल में कोई संदेहास्पद बाइक देखी है या खरीदने का प्रस्ताव मिला है, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें — क्योंकि अपराध की शुरुआत अक्सर एक सस्ती डील से होती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।