Balrampur. Police Kidnap: संदिग्ध अपराधियों की तलाश में गए थाना प्रभारी को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, 4 घंटे तक रही अफरा-तफरी!
देवघर के नगादरी गांव में संदिग्धों को पकड़ने गई पुलिस को ही ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। थाना प्रभारी को चार घंटे तक कैद रखा गया, फिर संदिग्धों को छोड़ने के बाद छोड़ा गया। पूरी घटना जानें।

देवघर जिले के करौं थाना क्षेत्र के नगादरी गांव में सोमवार को बड़ा हंगामा हो गया, जब संदिग्ध साइबर अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम को ही ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को ग्रामीणों ने चार घंटे तक अपने कब्जे में रखा।
बाद में जब बड़ी संख्या में पुलिसबल गांव पहुंचा, तब जाकर स्थिति नियंत्रण में आई। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले पुलिस ने संदिग्धों को छोड़ा, फिर ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को मुक्त किया।
सादे लिबास में पहुंची थी पुलिस, लेकिन ग्रामीणों ने समझा संदिग्ध
देवघर साइबर थाना की टीम, करौं पुलिस के सहयोग से नगादरी गांव में छापेमारी करने पहुंची थी। पुलिस अलग-अलग बाइकों पर सादे लिबास में थी, जिससे ग्रामीणों को शक हुआ। पुलिस ने हाफिज अंसारी और उसके भाई को हिरासत में लिया और कुछ दूर खड़े पुलिस वाहन में बैठा दिया।
जब तीसरे युवक को पकड़ने की कोशिश हुई, तो ग्रामीणों और महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इसी बीच, इदरिश मौलाना उर्फ भुखू अंसारी की बीमार पत्नी गिरकर बेहोश हो गई। इससे ग्रामीण भड़क उठे और पुलिस से भिड़ गए।
थाना प्रभारी को घर में किया बंद, पुलिस टीम भाग निकली
आक्रोशित ग्रामीणों ने थाना प्रभारी विपिन कुमार और एक जवान को पकड़कर गांव के एक डीलर के घर में बंद कर दिया। जबकि, बाकी पुलिसकर्मी किसी तरह वहां से भाग निकले और वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
चार थाना की पुलिस फोर्स पहुंची, फिर छोड़ा थाना प्रभारी
घटना की जानकारी मिलते ही मधुपुर एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद, मधुपुर थाना प्रभारी त्रिलोचन तामसोय, पाथरोल थाना प्रभारी दिलीप विलुंग, मारगोमुंडा थाना प्रभारी समेत चार थानों की पुलिस टीम नगादरी गांव पहुंची।
बातचीत के बाद पुलिस ने पहले हाफिज अंसारी और उसके भाई को छोड़ा, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और शाम साढ़े चार बजे थाना प्रभारी और जवान को रिहा किया।
ग्रामीणों का गुस्सा: "साइबर अपराध के नाम पर पुलिस कर रही है परेशान"
ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि साइबर अपराध के नाम पर पुलिस आए दिन गांव में छापेमारी कर रही है और निर्दोष लोगों को परेशान कर रही है। इस घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
जब एसडीपीओ सत्येंद्र प्रसाद और थाना प्रभारी विपिन कुमार से इस मामले में बात की गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
देवघर में साइबर क्राइम का हब बना नगादरी गांव?
झारखंड का देवघर जिला साइबर अपराध का बड़ा केंद्र बन चुका है। नगादरी गांव में बीते कुछ सालों में कई बार पुलिस ने छापेमारी कर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन हर बार पुलिस की कार्रवाई को लेकर विवाद होता है।
सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस सही लोगों को पकड़ रही है, तो फिर ग्रामीण विरोध क्यों कर रहे हैं? और अगर ग्रामीण निर्दोष हैं, तो पुलिस आखिर किनके इशारे पर बार-बार छापेमारी कर रही है?
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
यह घटना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। अगर पुलिस पर ही हमला होने लगे, तो कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
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