झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर के पूर्व डीसी मंजूनाथ भजंत्री मामले में ईसीआई की अपील स्वीकृत की
झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर के पूर्व डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग के आदेश पर विभागीय कार्रवाई और चुनावी कार्यों से अलग रखने के मामले में ईसीआई की अपील को स्वीकृत कर लिया। जानिए पूरा मामला।
झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर के पूर्व उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने और चुनावी कार्यों से उन्हें अलग रखने के चुनाव आयोग (ECI) के आदेश को लेकर सुनवाई की। सोमवार को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव आयोग की अपील (एलपीए) को स्वीकार करते हुए, इससे संबंधित एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
यह मामला तब शुरू हुआ जब ईसीआई ने मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ मधुपुर उपचुनाव के दौरान गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराने के कारण उन्हें चुनावी कार्यों से अलग रखने और विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था। ईसीआई ने झारखंड के मुख्य सचिव को 6 दिसंबर 2021 को एक पत्र भेजकर इस मामले पर आदेश जारी किया, जिसमें मंजूनाथ को पद से हटाने और उन पर आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।
मंजूनाथ भजंत्री ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की प्रोसीडिंग शुरू नहीं की गई है, इसलिए मामले को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में नहीं भेजा जाना चाहिए। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने भी इस तर्क को माना और इसे रिट पिटीशन सिविल (डब्ल्यूपीसी) के रूप में सुनने का निर्देश दिया।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी और तर्क दिया कि मामला कैट में सुना जाना चाहिए था। अंततः हाई कोर्ट की खंडपीठ ने ईसीआई की अपील को स्वीकृत कर लिया और एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया।
चुनाव आयोग की तरफ से राजीव सिन्हा ने इस मामले में कोर्ट में दलीलें पेश कीं, और बताया कि मंजूनाथ भजंत्री ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ गलत तरीके से एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके चलते यह कार्रवाई जरूरी थी।
What's Your Reaction?