Navada: Aalu के बोरे में छुपाई शराब, पुलिस ने पकड़े 702 लीटर के साथ तस्कर

नवादा में आलू के बोरे के नीचे छिपाकर लाई जा रही 702 लीटर विदेशी शराब पकड़ी गई। पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया। जानें पूरी घटना।

Nov 26, 2024 - 17:24
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Navada: Aalu के बोरे में छुपाई शराब, पुलिस ने पकड़े 702 लीटर के साथ तस्कर
Navada: Aalu के बोरे में छुपाई शराब, पुलिस ने पकड़े 702 लीटर के साथ तस्कर

नवादा, बिहार – बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद तस्कर अपने हथकंडे बदलते हुए पुलिस को चकमा देने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इस बार शराब तस्करों की चालाकी पर उत्पाद विभाग की टीम ने पानी फेर दिया।

जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खरांट मोड़ पर 78 कार्टन विदेशी शराब से भरा एक पिकअप वाहन पकड़ा गया। शराब को आलू के बोरों के नीचे छिपाकर झारखंड से बिहार में तस्करी की जा रही थी।

शराब तस्करों का नया हथकंडा

यह घटना तब सामने आई जब उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली कि एक पिकअप वाहन में भारी मात्रा में शराब छिपाकर लाई जा रही है। उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि एएसआई राज किशोर के नेतृत्व में एक छापेमारी टीम ने एनएच-20 बख्तियारपुर-रजौली फोरलेन पर नाकेबंदी की।

जैसे ही पिकअप वाहन को रोका गया, पुलिस ने उसकी तलाशी ली। वाहन में आलू की बोरियों के नीचे काले पॉलीथीन शीट से ढकी हुई शराब की पेटियां मिलीं।

शराब और तस्करों की पहचान

बरामद शराब में रॉयल स्टैग और इंपिरियल ब्लू ब्रांड की कुल 78 कार्टन थीं, जिसमें 375 एमएल की कुल 1872 बोतलें थीं। शराब की कुल मात्रा 702 लीटर आंकी गई।

गिरफ्तार तस्करों की पहचान रामगढ़, झारखंड के रऊफ अंसारी और कुंदन कुमार के रूप में हुई। दोनों तस्कर आसनसोल से नालंदा शराब पहुंचाने की कोशिश में थे।

शराबबंदी का इतिहास और इसका प्रभाव

बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून ने शराब के उत्पादन, बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इस कानून का उद्देश्य राज्य में सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है।

हालांकि, शराबबंदी के बाद तस्करी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है। तस्कर कभी मिट्टी के बर्तन, तो कभी ट्रकों में छिपाकर शराब की तस्करी कर रहे हैं। यह घटना भी तस्करों की नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें आलू के बोरों का इस्तेमाल किया गया।

तस्करों की चालाकी पर पुलिस का बयान

उत्पाद अधीक्षक मिश्रा ने कहा, "तस्कर हर बार नया तरीका अपनाते हैं, लेकिन हमारी टीम चौकन्नी है। गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ जारी है और उनके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।"

इस छापेमारी अभियान में उत्पाद एएसआई अजय कुमार और अर्चना सिन्हा भी शामिल थे।

कानून का उल्लंघन और कड़ी सजा

बिहार में शराब तस्करी को गंभीर अपराध माना जाता है। कानून के तहत तस्करों को कठोर कारावास और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

इस घटना के बाद उत्पाद विभाग ने कहा कि शराब तस्करी में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शराबबंदी और चुनौतियां

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शराबबंदी के बावजूद तस्करों के खिलाफ सख्ती की जरूरत है। शराब तस्करी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को भी प्रभावित करती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।