Education Black Money : बेतिया में शिक्षा अधिकारी के घर छापेमारी: क्या बिहार शिक्षा विभाग काले धन का गढ़ बन रहा है?

बिहार शिक्षा विभाग पर काले धन की छाया! जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर से विजिलेंस की छापेमारी में नकदी बरामद। क्या बिहार की IAS-IPS पैदा करने वाली भूमि भ्रष्टाचार में फंस रही है?

Jan 24, 2025 - 12:01
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Education Black Money : बेतिया में शिक्षा अधिकारी के घर छापेमारी: क्या बिहार शिक्षा विभाग काले धन का गढ़ बन रहा है?
Education Black Money : बेतिया में शिक्षा अधिकारी के घर छापेमारी: क्या बिहार शिक्षा विभाग काले धन का गढ़ बन रहा है?

बेतिया। बिहार, जो देश को सबसे ज्यादा IAS, IPS और PCS अफसर देने के लिए मशहूर है, अब भ्रष्टाचार और काले धन की छवि से जूझ रहा है। बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर पर विजिलेंस की छापेमारी ने शिक्षा विभाग की छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

भ्रष्टाचार की साजिश: छापेमारी में बड़ी नकदी बरामद

शुक्रवार सुबह निगरानी विभाग ने रजनीकांत प्रवीण के बेतिया स्थित घर पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में इतनी बड़ी मात्रा में नकदी मिली कि नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। इसके साथ ही, उनके ससुराल समस्तीपुर जिले के बहादुरपुर में भी छापेमारी की गई।

छापेमारी के दौरान परिवार के सदस्यों को अंदर ही डिटेन किया गया। रजनीकांत प्रवीण, जो 2005 से जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर थे, पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का आरोप है।

स्कूल चेन: काले धन को सफेद करने का तरीका?

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि रजनीकांत प्रवीण और उनकी पत्नी सुषमा कुमारी, जो संविदा शिक्षक थीं, ने काले धन को सफेद करने के लिए स्कूलों की एक चेन खोली।

  • इनका स्कूल नेटवर्क दरभंगा, समस्तीपुर, और बगहा में फैला हुआ है।
  • माना जा रहा है कि इन स्कूलों को काले धन की कमाई से चलाया गया।

बिहार शिक्षा विभाग पर सवाल

यह मामला बिहार के शिक्षा विभाग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। बिहार, जो हमेशा से छात्रों की प्रतिभा और सफलता का केंद्र रहा है, क्या अब भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है?
बिहार की जमीन ने देश को IAS, IPS और कई सफल छात्र दिए हैं। लेकिन इस तरह की घटनाएं छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में शिक्षा प्रणाली को लेकर अविश्वास पैदा करती हैं।

रजनीकांत प्रवीण: शिक्षा के नाम पर खेल

रजनीकांत प्रवीण, जो नालंदा जिले के निवासी हैं, पिछले 20 सालों से शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। उनकी संपत्ति और उनके रिश्तेदारों के स्कूल नेटवर्क की जांच से यह पता चल रहा है कि शिक्षा विभाग में किस स्तर पर भ्रष्टाचार फैला है।

छात्रों के लिए संदेश और चिंता

छात्रों और युवा पीढ़ी के लिए यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है:

  • क्या हम जिस शिक्षा प्रणाली पर भरोसा करते हैं, वह ईमानदार है?
  • क्या भ्रष्टाचार हमारे करियर और भविष्य को प्रभावित कर सकता है?

छात्रों को इन घटनाओं से सबक लेते हुए अपने अधिकारों और शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाने चाहिए।

अधिकारियों की जिम्मेदारी और न्याय की उम्मीद

यह मामला यह दिखाता है कि भ्रष्टाचार कितने गहरे तक फैला हुआ है। अब निगरानी विभाग और न्यायपालिका पर यह जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों को सजा दिलाएं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।