Jharkhand Crackdown: पिटबुल-रॉटविलर पर पूर्ण प्रतिबंध, बिना अनुमति पालने वालों पर भारी जुर्माना और कार्रवाई
झारखंड सरकार ने पिटबुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटीनो जैसी खतरनाक कुत्तों की नस्लों के पालन, बिक्री और प्रजनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जानें नए नियमों के बारे में और क्या होगी उल्लंघन करने वालों की सजा।

झारखंड सरकार ने राज्य में खतरनाक मानी जाने वाली कुत्तों की नस्लों के पालन, खरीद-बिक्री और प्रजनन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। इस सूची में पिटबुल टेरियर, रॉटविलर, डोगो अर्जेंटीनो और अन्य आक्रामक नस्लें शामिल हैं। नए नियमों के तहत, इन नस्लों को पालने के लिए पशुपालन विभाग से विशेष अनुमति लेना अनिवार्य होगा, वरना भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
प्रतिबंधित नस्लों की पूरी सूची
- पिटबुल टेरियर
- रॉटविलर
- डोगो अर्जेंटीनो
- अमेरिकन स्टैफर्डशायर टेरियर
- फिला ब्रासिलियरो
- कैन कॉर्सो
- वुल्फ डॉग
नए नियमों के प्रमुख बिंदु
1. अनिवार्य पंजीकरण: पहले से पालतू कुत्तों का 30 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा
2. सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध: इन नस्लों को बिना मुंह में पट्टा डाले सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घुमाया जा सकेगा
3. कड़ी सजा: नियमों का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और पशु जब्ती
4. पेट शॉप्स के लिए नियम: सभी पालतू दुकानों और प्रजनन केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य
झारखंड में खतरनाक कुत्तों का आंकड़ा
जमशेदपुर में अकेले लगभग:
- 40 पिटबुल
- 30 रॉटविलर
- 15 डोगो अर्जेंटीनो
पशुपालन विभाग के अनुसार, इनमें से 90% कुत्तों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध?
पिछले 2 वर्षों में झारखंड में इन नस्लों द्वारा काटे जाने के 47 गंभीर मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 3 मौतें भी शामिल हैं। सबसे हालिया घटना रांची में एक 8 वर्षीय बच्चे पर पिटबुल के हमले की थी।
देशव्यापी बहस का हिस्सा
- मार्च 2024: केंद्र सरकार ने 24 आक्रामक नस्लों पर प्रतिबंध लगाया
- अप्रैल 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने इस प्रतिबंध को निलंबित किया
- मई 2024: झारखंड ने राज्य स्तर पर स्वतंत्र नीति बनाई
पशु प्रेमियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
जमशेदपुर के पशु चिकित्सक डॉ. अमित सिन्हा का कहना है, "नस्ल नहीं, पालन-पोषण का तरीका कुत्तों को आक्रामक बनाता है। हालांकि, इन नस्लों के मालिकों को विशेष प्रशिक्षण लेना चाहिए।"
क्या करें यदि आपके पास पहले से है ऐसा कुत्ता?
1. तुरंत पशुपालन विभाग में पंजीकरण कराएं
2. कुत्ते को प्रशिक्षित करवाएं
3. सार्वजनिक स्थानों पर मजबूत पट्टे और मुंह में पट्टी का उपयोग करें
4. बीमा करवाना अनिवार्य है
यह निर्णय नागरिक सुरक्षा और जानवरों के कल्याण के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य इन नस्लों के अवैध प्रजनन और अनियंत्रित बिक्री पर रोक लगाना है, न कि पशु प्रेमियों को प्रताड़ित करना। पशुपालन विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर (1800-345-xxxx) जारी किया है जहां से लोग प्रशिक्षण और पंजीकरण संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
अपडेट: जमशेदपुर के पशुपालन विभाग ने अगले 15 दिनों में विशेष ड्राइव शुरू करने की घोषणा की है जिसमें प्रतिबंधित नस्लों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
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