Jamshedpur Family Suicide Case : कैंसर से जूझ रहे टाटा स्टील मैनेजर ने पूरे परिवार के साथ की आत्महत्या, 4 शव एक साथ लटके मिले
जमशेदपुर में टाटा स्टील के सीनियर मैनेजर कृष्ण कुमार ने कैंसर से हारकर पत्नी व दो बच्चों समेत आत्महत्या कर ली। चारों के शव एक कमरे में फंदे से लटके मिले। जानें पूरी दर्दनाक घटना।

जमशेदपुर के आदित्यपुर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। टाटा स्टील के गम्हरिया प्लांट में सीनियर मैनेजर 40 वर्षीय कृष्ण कुमार ने थर्ड स्टेज कैंसर से हार मानकर अपनी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली। चारों के शव शुक्रवार रात चित्रगुप्त नगर स्थित उनके आवास में एक कमरे में फंदे से लटके हुए मिले।
घटना का विवरण
- समय: शुक्रवार रात करीब 10 बजे
- स्थान: चित्रगुप्त नगर, आदित्यपुर
- पीड़ित:
- कृष्ण कुमार (40 वर्ष) - टाटा स्टील सीनियर मैनेजर
- डोली कुमार (35 वर्ष) - पत्नी
- पूजा कुमार (13 वर्ष) - पुत्री
- मैया कुमार (6 वर्ष) - पुत्री
कैसे मिली घटना की जानकारी?
पड़ोसियों ने बताया कि तीन दिन से घर बंद देखकर संदेह हुआ। जब दुर्गंध आने लगी तो पुलिस को सूचना दी गई। दरवाजा तोड़ने पर चारों के शव एक साथ लटके हुए मिले। फोरेंसिक टीम ने मौके पर जांच की।
क्या थी वजह?
- कृष्ण कुमार को थर्ड स्टेज कैंसर का पता चला था
- हाल ही में मुंबई से इलाज कराकर लौटे थे
- कीमोथेरेपी का इंतजार कर रहे थे
- पड़ोसियों के अनुसार पूरा परिवार गहरे अवसाद में था
परिवार का इतिहास
कृष्ण कुमार टाटा स्टील में 12 वर्षों से सीनियर मैनेजर थे। उनके पिता शोभिंदो तिवारी ने बताया कि बेटे ने मुंबई के अस्पताल में इलाज के दौरान ही आत्महत्या का पहला प्रयास किया था। डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें नियमित कीमोथेरेपी लेनी होगी।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की राय
डॉ. प्रणव मिश्रा (मनोचिकित्सक) का कहना है, "कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता चलने पर मरीज और परिवार को मनोवैज्ञानिक सहायता की जरूरत होती है। ऐसे में परिवार के सदस्यों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।"
टाटा स्टील की प्रतिक्रिया
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, "हम इस दुखद घटना से आहत हैं। कृष्ण कुमार हमारे संगठन का मूल्यवान हिस्सा थे। परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।"
झारखंड में मानसिक स्वास्थ्य स्थिति
- राज्य में प्रति 1 लाख पर मात्र 0.3 मनोचिकित्सक
- कैंसर रोगियों के लिए कोई विशेष काउंसलिंग सुविधा नहीं
- पिछले 5 वर्षों में 12% बढ़े हैं आत्महत्या के मामले
क्या कहता है कानून?
- भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना)
- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017
- लेकिन परिवार सहित आत्महत्या के मामले में कानूनी प्रावधान स्पष्ट नहीं
समाज की जिम्मेदारी
मनोचिकित्सक डॉ. मिश्रा सुझाव देते हैं:
1. गंभीर बीमारी का पता चलने पर तुरंत काउंसलिंग लें
2. परिवार के सदस्यों को भावनात्मक सहारा दें
3. सामाजिक संगठनों से जुड़ें
आगे की कार्रवाई
- पुलिस ने मामला दर्ज किया
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
- कंपनी द्वारा परिवार के अंतिम संस्कार में मदद
यह दुखद घटना समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता को रेखांकित करती है। टाटा स्टील जैसी बड़ी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए विशेष काउंसलिंग सेल बनाने पर विचार करना चाहिए।
हेल्पलाइन:
मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन: 1800-599-0019
(निःशुल्क और गोपनीय सेवा)
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