Jamshedpur Idol Negligence: विसर्जन के बिना घाट पर छोड़ दी गईं हनुमान जी की मूर्तियां, मचा बवाल!

जमशेदपुर के बेली बोधनवाला घाट पर रामनवमी के बाद विसर्जन किए बिना छोड़ी गईं हनुमान जी की दो मूर्तियों को लेकर बवाल मच गया। हिंदू पीठ ने जिला प्रशासन की मदद से विसर्जन कराया और इस लापरवाही पर नाराजगी जताई।

Apr 10, 2025 - 17:03
Apr 10, 2025 - 17:13
 0
Jamshedpur Idol Negligence: विसर्जन के बिना घाट पर छोड़ दी गईं हनुमान जी की मूर्तियां, मचा बवाल!
Jamshedpur Idol Negligence: विसर्जन के बिना घाट पर छोड़ दी गईं हनुमान जी की मूर्तियां, मचा बवाल!

जमशेदपुर एक बार फिर धार्मिक भावनाओं से जुड़े मामले को लेकर सुर्खियों में है। रामनवमी के शुभ अवसर पर जहां पूरा शहर अखाड़ों की झांकी और शोभायात्रा में डूबा रहा, वहीं इस उत्सव के बाद सामने आई लापरवाही की एक चौंकाने वाली घटना ने शहरवासियों को हैरान कर दिया है।

क्या है मामला?

8 अप्रैल को बिष्टुपुर स्थित बेली बोधनवाला घाट में जब रामनवमी के विभिन्न अखाड़ों द्वारा मूर्तियों का विसर्जन किया गया, तब जुगसलाई नया बाजार रामनवमी अखाड़ा समिति की एक लापरवाही ने धार्मिक भावनाओं को आहत कर दिया। समिति द्वारा हनुमान जी की दो मूर्तियां बिना विसर्जन के घाट पर ही छोड़ दी गईं, और सदस्य वहां से चले गए।

यह खबर जब हिंदू पीठ के सक्रिय सदस्य अरुण सिंह को मिली, तो उन्होंने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने जमशेदपुर के एसडीओ शताब्दी मजूमदार और डीएसपी सीसीआर मनोज ठाकुर से संपर्क कर क्रेन की मदद मांगी, ताकि इन मूर्तियों का सम्मानपूर्वक विसर्जन किया जा सके।

प्रशासन ने दिखाई तत्परता

जिला प्रशासन ने इस विषय पर गंभीरता दिखाते हुए सीसीआर क्रेन ड्राइवर पांडे जी को तुरंत भेजा, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर हिंदू पीठ घाट पर मौजूद अन्य सदस्यों – सोमनाथ सिंह, चंदन सिंह और संजीव रजक – के सहयोग से दोनों मूर्तियों का विधिवत विसर्जन कराया।

इस कार्य के पश्चात हिंदू पीठ और जमशेदपुर केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा ने जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया, लेकिन समिति की लापरवाही को लेकर नाराजगी भी जताई।

इतिहास में पहली बार ऐसा नहीं हुआ

यह पहली बार नहीं है जब किसी धार्मिक आयोजन के बाद मूर्तियों के विसर्जन को लेकर विवाद हुआ हो।
झारखंड समेत कई राज्यों में धार्मिक आयोजनों के बाद मूर्तियों को बिना विधिपूर्वक विसर्जन के छोड़ने की घटनाएं अतीत में भी सामने आई हैं।
परंपरा के अनुसार, मूर्ति का विसर्जन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं, एक श्रद्धा और संकल्प का समापन होता है, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही समाज में आस्था और मर्यादा दोनों को ठेस पहुंचा सकती है।

समिति की चुप्पी और लोगों की प्रतिक्रिया

जुगसलाई नया बाजार रामनवमी अखाड़ा समिति की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों में इस बात को लेकर नाराजगी देखी जा रही है कि इतने बड़े आयोजन के बाद भी विसर्जन जैसी संवेदनशील प्रक्रिया को नजरअंदाज कैसे किया गया।

कुछ स्थानीय नागरिकों ने यह सवाल भी उठाया कि क्या अब धार्मिक आयोजनों की जिम्मेदारी केवल शोभायात्रा तक सीमित रह गई है?
क्या आयोजकों को धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्णता का ज्ञान नहीं है, या वे धार्मिक मर्यादाओं को हल्के में ले रहे हैं?

प्रशासन की सजगता बनी मिसाल

जहां एक तरफ अखाड़ा समिति की लापरवाही सवालों के घेरे में है, वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की तत्परता ने साबित किया कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो धार्मिक मूल्यों की रक्षा तुरंत की जा सकती है।
एसडीओ शताब्दी मजूमदार और डीएसपी मनोज ठाकुर की त्वरित प्रतिक्रिया और क्रेन की तैनाती से न केवल मूर्तियों का सम्मानजनक विसर्जन संभव हुआ, बल्कि एक बड़ी धार्मिक अशांति टल गई।

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस लापरवाही पर जिला प्रशासन कोई चेतावनी या कार्रवाई करेगा, या इसे एक बार फिर सामाजिक स्तर पर ही दबा दिया जाएगा।
धार्मिक आयोजनों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी हो गया है कि भविष्य में हर समिति को विसर्जन प्रक्रिया का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा।

आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं

रामनवमी जैसे महापर्व पर जहां भक्त अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन करते हैं, वहीं आयोजकों की जिम्मेदारी होती है कि वे उस श्रद्धा का सम्मान करें।
मूर्ति विसर्जन केवल एक परंपरा नहीं, यह एक संकल्प की पूर्णता का प्रतीक है।
अगर ऐसे आयोजनों में लापरवाही होगी, तो आस्था और संस्कृति दोनों को गहरी चोट पहुंचेगी।

जमशेदपुर की यह घटना एक चेतावनी है – धार्मिक आयोजनों में उत्साह हो, लेकिन नियम और मर्यादा भी साथ हो।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।