Jamshedpur Threat Allegation: बन्ना गुप्ता के समर्थक को मिली जान से मारने की धमकी, सियासी साज़िश का शक!
झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद भी जमशेदपुर पश्चिम में सियासी गर्मी कम नहीं हुई है। बन्ना गुप्ता के समर्थक गोपाल यादव को सोशल मीडिया पर धमकी मिली है, जिसके पीछे सरयू राय पर शक जताया गया है।

झारखंड में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में सियासी जंग अभी भी थमी नहीं है। हार-जीत की लकीरें खिंच चुकी हैं, मगर नेताओं के समर्थकों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और धमकियों का दौर अब भी जारी है। ताजा मामला सामने आया है कांग्रेस नेता और झारखंड के पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता के एक समर्थक गोपाल यादव का, जिन्होंने जमशेदपुर साइबर थाना में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला?
गोपाल यादव, जो खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कार्यकर्ता बताते हैं, ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर उनके एक पोस्ट के बाद शंभू कुमार यादव नामक व्यक्ति ने उन्हें गाली दी, उनके दिवंगत माता-पिता, पत्नी और बहन तक को नहीं बख्शा, और जातिगत अपशब्दों के साथ-साथ जान से मारने की धमकी तक दे डाली।
इतना ही नहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक को अपमानजनक भाषा में निशाना बनाया गया है। गोपाल यादव के अनुसार, ये सिर्फ व्यक्तिगत हमला नहीं, बल्कि एक बड़ी सियासी साजिश का हिस्सा है।
संदेह की सुई किस ओर?
सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब उन्होंने इस पूरी घटना के पीछे जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की भूमिका पर सवाल उठाया।
हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर कोई ठोस सबूत नहीं दिया, लेकिन इशारों में सरयू राय समर्थकों पर उकसाने का आरोप जरूर लगाया। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर उनके द्वारा बन्ना गुप्ता के पक्ष में की गई पोस्ट पर ये हमला सुनियोजित ढंग से किया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में पुराना टकराव
बन्ना गुप्ता और सरयू राय की सियासी दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है।
2019 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय ने जमशेदपुर पश्चिम सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता को हराया था।
यह हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका थी और उसके बाद से ही यह सीट सियासी संघर्ष का केंद्र बन गई है।
यही वजह है कि अब जब चुनाव समाप्त हो चुका है, तब भी दोनों खेमों के समर्थकों के बीच तनाव बना हुआ है, और यह मामला उसी तनाव का सामाजिक मीडिया पर विस्फोट बनकर उभरा है।
साइबर थाना में दर्ज हुई शिकायत
गोपाल यादव ने जमशेदपुर साइबर थाना में FIR दर्ज कराई है और आरोपियों पर आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की है।
उनका कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता, तो वे न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
सोशल मीडिया बना राजनीति का रणभूमि
आज के समय में सोशल मीडिया सिर्फ विचार रखने का माध्यम नहीं, बल्कि राजनीतिक हथियार बन चुका है।
एक ही पोस्ट पर अलग-अलग विचारधाराओं के समर्थकों के बीच विवाद, आरोप और अब धमकियां भी आम हो गई हैं।
इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि राजनीति अब वर्चुअल वॉर में भी तब्दील हो चुकी है।
क्या यह एक नई साजिश की शुरुआत है?
गोपाल यादव की शिकायत और आरोपों ने राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दिया है।
क्या यह केवल व्यक्तिगत नाराज़गी थी या वाकई इसके पीछे राजनीतिक मास्टरमाइंड हैं?
क्या यह घटना जमशेदपुर की राजनीति को और अधिक जटिल बना देगी?
इन सवालों के जवाब फिलहाल सामने नहीं आए हैं, लेकिन इतना तय है कि जमशेदपुर पश्चिम की राजनीतिक ज़मीन अब भी गर्म है।
जहाँ एक तरफ चुनावी परिणाम तय हो चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक खिलाड़ी और उनके समर्थक नया मोर्चा खोलने को तैयार नजर आ रहे हैं।
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आज़ादी ज़रूरी, मगर मर्यादा भी अनिवार्य
हर व्यक्ति को अपने विचार रखने का हक है, लेकिन सोशल मीडिया पर किसी के खिलाफ अश्लील, जातिगत और धमकीभरे शब्दों का इस्तेमाल न केवल क़ानूनी अपराध है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से जांच करती है और क्या सचमुच कोई सियासी नाम इस साजिश के पीछे है या नहीं।
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