Latehar Showdown: 10 लाख के इनामी नक्सली कमांडर पप्पू लोहरा ढेर, सलैया जंगल में आधे घंटे तक चली भीषण गोलीबारी
लातेहार के सलैया जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 10 लाख के इनामी जेजेएमपी कमांडर पप्पू लोहरा समेत 2 नक्सली ढेर। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार चलाया था ऑपरेशन, मौके से बरामद हुए शव व हथियार।

लातेहार के घने सलैया जंगल में शुक्रवार देर रात हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के शीर्ष कमांडर पप्पू लोहरा समेत दो नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया। पप्पू लोहरा पर राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह लंबे समय से सुरक्षा बलों की नजर में था।
ऑपरेशन की पूरी कहानी: कैसे हुआ मुठभेड़?
लातेहार एसपी कुमार गौरव के अनुसार, पुलिस को विश्वसनीय सूचना मिली थी कि सलैया जंगल के दुर्गम इलाके में कुछ नक्सली छिपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम ने रात के अंधेरे में चुपके से जंगल को घेराबंदी कर लिया।
जैसे ही सुरक्षा बलों ने खोज अभियान शुरू किया, नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की। करीब आधे घंटे तक चली इस भीषण गोलीबारी में दो नक्सली मारे गए, जिनमें पप्पू लोहरा प्रमुख था।
कौन था पप्पू लोहरा?
- जेजेएमपी का शीर्ष कमांडर और लातेहार-पलामू क्षेत्र का सबसे वांटेड नक्सली
- पिछले 8 साल से सक्रिय, 15 से अधिक हिंसक घटनाओं में शामिल
- पुलिस पर हमले, सुरक्षा बलों के लिए घात लगाकर हमले और विस्फोटकों के इस्तेमाल के मामलों में वांटेड
- राज्य सरकार ने 2021 में उसके सिर पर 10 लाख का इनाम रखा था
मुठभेड़ के बाद की कार्रवाई
पलामू रेंज के डीआईजी वाई एस रमेश ने बताया कि:
- मृतक नक्सलियों के शव जंगल से बरामद कर लिए गए हैं
- मौके से AK-47 राइफल, हथगोले और नक्सली दस्तावेज बरामद हुए
- पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है
- अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है
लातेहार का नक्सल इतिहास
सलैया जंगल लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ रहा है। 2017 में इसी इलाके में 6 नक्सलियों के साथ एक बड़ा मुठभेड़ हुआ था। जेजेएमपी संगठन पिछले एक दशक से इस क्षेत्र में सक्रिय है और पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था।
पुलिस की नई रणनीति
झारखंड पुलिस ने हाल के महीनों में नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति अपनाई है:
- गुप्त सूचना तंत्र को मजबूत किया गया
- स्थानीय ग्रामीणों से बेहतर समन्वय
- ड्रोन और तकनीक का इस्तेमाल
- जंगली इलाकों में अचानक छापेमारी
आगे की राह
पुलिस अब मृतक नक्सलियों के संपर्कों की तलाश कर रही है। सुरक्षा बलों को आशंका है कि इस घटना के बाद नक्सली प्रतिशोधात्मक हिंसा कर सकते हैं। डीआईजी रमेश ने कहा, "हम पूरी तैयारी के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।"
यह ऑपरेशन झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। पप्पू लोहरा का मारा जाना नक्सल संगठन को गहरा झटका देगा। हालांकि, सुरक्षा बलों को अभी और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नक्सली अक्सर ऐसी घटनाओं के बाद हिंसा का सहारा लेते हैं। पुलिस ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है ताकि क्षेत्र को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाया जा सके।
What's Your Reaction?






