अदालत या ओछी सियासत-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित

संविधान की हदों से बाहर  अदालत या ओछी सियासत, संविधान  के  तो   बँटे  दायरे सबसे बड़ी संसद की ताकत?....

Apr 20, 2025 - 20:59
Apr 20, 2025 - 21:05
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अदालत या ओछी सियासत-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
अदालत या ओछी सियासत-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित

अदालत या ओछी सियासत
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संविधान की हदों से बाहर 
अदालत या ओछी सियासत,
संविधान  के  तो   बँटे  दायरे
सबसे बड़ी संसद की ताकत?

सारगर्भित धनखड़ का बयान
सबसे ऊपर  अपना संविधान,
संसद उत्तरदायी जनता समक्ष
राष्ट्रपति  कर सर्वोच्च  कमान।

न्यायालय का करना सम्मान 
कहता  है  हमारा  संविधान,
पर सबकी  तय है एक सीमा
न हो कटुता  इनके दरम्यान। 

विधायिका एवं कार्यपालिका
और देश की  न्यायपालिका,
तीनों  लोकतंत्र के मुख स्तंभ
कानून  सम्मत  वास्तविकता

दुर्भाग्य आपसी टकराव
होता  संविधान का हनन,
न  लाँघें   लक्क्षमण  रेखा
अधिकारों पर चिंतन मंथन।
-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
  20  04  2025

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।