Ghatshila Byelection Cash Seized : चेकनाका पर पैसों की बारिश! घाटशिला उपचुनाव से ठीक पहले सब्जी गाड़ी से 2.10 लाख कैश जब्त!
क्या उपचुनाव में खर्च होने जा रहा था यह पैसा? घाटशिला उपचुनाव से पहले केशरपुर चेकनाका पर एसएसटी टीम को एक पिकअप वैन से 2.10 लाख रुपये नकद कैसे मिले? जानें 4 दिनों में लगातार हुई तीसरी कैश जब्ती और सब्जी व्यापारी अजय कुमार के बोकारो-बारीडीह कनेक्शन की पूरी कहानी!
जमशेदपुर, 24 अक्टूबर 2025 - पूर्वी सिंहभूम जिले के गालूडीह थाना क्षेत्र में केशरपुर चेकनाका पर शुक्रवार को हुई एक बड़ी कार्रवाई ने एक बार फिर घाटशिला उपचुनाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद से ही एसएसटी (स्टैटिक सर्विलांस टीम) और पुलिस की नजरें हर आने-जाने वाले वाहन पर टिकी हुई हैं, और इसी जांच के दौरान एक पिकअप वैन से अथाह नकद राशि बरामद की गई है। यह सिर्फ एक मामूली जब्ती नहीं है, बल्कि केवल चार दिनों के भीतर हुई यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है, जो सवाल खड़ा करती है कि क्या घाटशिला उपचुनाव में काला धन खपाने की कोशिश की जा रही है।
सब्जी गाड़ी में दबा था कैश का राज
शुक्रवार को केशरपुर चेकनाका पर एसएसटी टीम वाहनों की सघन जांच कर रही थी। इसी दौरान पिकअप वैन संख्या जेएच 09 एएस 2741 को रोका गया। जांच के दौरान टीम ने वैन के अंदर से पूरे दो लाख दस हज़ार रुपये का नकद बरामद किया। वाहन में सवार व्यक्ति ने अपनी पहचान सब्जी व्यापारी अजय कुमार के रूप में बताई।
थाना प्रभारी अंकु कुमार ने बताया कि व्यापारी का कहना है कि वह यह रकम लेकर बोकारो से बारीडीह जा रहा था। लेकिन सवाल यह है कि एक सब्जी व्यापारी इतनी बड़ी नकद राशि बिना किसी वैध दस्तावेज़ या पर्याप्त सबूत के क्यों लेकर जा रहा था, खासकर तब जब चुनाव आचार संहिता लागू हो? नियमों के मुताबिक, एक निर्धारित सीमा से अधिक कैश लेकर चलना अवैध माना जाता है और इसके लिए पूरी जानकारी देना ज़रूरी होता है।
4 दिनों में 3 जब्ती: क्या है इस कैश कनेक्शन का मकसद?
यह पहली बार नहीं है कि केशरपुर चेकनाका पर बड़ी नकद राशि पकड़ी गई हो। रिकॉर्ड बताते हैं कि:
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17 अक्टूबर को: 71,500 रुपये जब्त किए गए।
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22 अक्टूबर को: 1,50,000 रुपये जब्त किए गए।
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24 अक्टूबर को: 2,10,000 रुपये जब्त किए गए।
यानी सिर्फ एक सप्ताह के अंदर ही इस एकल चेकनाका पर कुल 4 लाख 31 हजार 500 रुपये की जब्ती की जा चुकी है। यह आंकड़ा निश्चित रूप से अधिकारियों और जनता के बीच चिंता पैदा करता है। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव का मतदान नजदीक है, और राजनीतिक दलों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है।
ऐसे में यह नकद राशि किस मकसद से ले जाई जा रही थी, यह एक गंभीर सवाल है। क्या यह राशि मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल होने वाली थी? या यह किसी बड़े अवैध वित्तीय लेनदेन का हिस्सा है? चूंकि जब्ती एक सब्जी व्यापारी से हुई है, इसलिए जांच के दायरे को बढ़ाने की आवश्यकता है कि बोकारो और बारीडीह के बीच इस पैसों की जमाखोरी के पीछे कौन है।
एसएसटी टीम की सफलता पर बड़ा प्रश्न
एसएसटी टीम और पुलिस के जांच अभियान की तारीफ की जानी चाहिए, जिसने चुनाव के दौरान काला धन के प्रवाह को रोकने में सफलता हासिल की है। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या यह जब्ती हिमखंड (iceberg) का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है? क्या और भी बड़ी राशियां चेकनाका से बचकर निकल गई होंगी?
पुलिस ने बरामद राशि को जब्ती सूची बनाकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब आयकर विभाग और चुनाव आयोग के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे कि क्या सब्जी व्यापारी के दावे सत्य हैं या वह किसी बड़ी शक्ति के लिए कुरियर का काम कर रहा था। घाटशिला उपचुनाव की निष्पक्षता के लिए इस मामले का पर्दाफाश होना अति आवश्यक है।
चुनावों के दौरान इस तरह कैश की बरामदगी कितनी चिंताजनक है? आपके अनुसार, काला धन के उपयोग को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए? कमेंट करके अपनी राय बताएं।
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