Mango Azad Samaj party: आज़ाद समाज पार्टी ने बदल दी झारखंड की राजनीति! दलित और युवा क्यों कर रहे हैं ‘जय भीम’ के साथ शामिल?
क्या झारखंड की दलित-बहुजन राजनीति में आ रहा है बड़ा बदलाव? मानगो में आज़ाद समाज पार्टी के सदस्यता अभियान में परमबीर पात्रों और सनत सिंह सरदार जैसे प्रमुख लोग क्यों हुए शामिल? जानें प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ राजा ने किस विचारधारा को बनाया जमीन पर उतारने का संकल्प! पूरी रिपोर्ट पढ़िए!
जमशेदपुर, 24 अक्टूबर 2025 - झारखंड की राजनीति में पिछले कुछ समय से 'आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम)' एक नए और युवा विकल्प के रूप में तेजी से उभर रही है। यह पार्टी देशभर में दलित-बहुजन समुदाय के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले युवा नेता और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद 'रावण' के नेतृत्व में लगातार अपना जनाधार बढ़ा रही है। आज पूर्वी सिंहभूम के मानगो इलाके में आयोजित एक भव्य सदस्यता अभियान ने इस बात को पुष्टि कर दिया कि झारखंड के युवा सामाजिक समानता की इस लड़ाई में पूरी तरह से शामिल हो चुके हैं।
मानगो बना 'आज़ाद' रणभूमि: नए सदस्यों का बड़ा जुड़ाव
मानगो में आज़ाद समाज पार्टी (आसपा) के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ राजा के सफल नेतृत्व में सदस्यता अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान उम्मीद से कहीं अधिक सफल रहा। पार्टी की विचारधारा और सामाजिक सरोकारों से प्रभावित होकर परमबीर पात्रों और सनत सिंह सरदार जैसे कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और सक्रिय युवाओं ने आसपा की सदस्यता ग्रहण की।
नए और अनुभवी चेहरों का पार्टी से जुड़ना यह साफ संकेत देता है कि झारखंड की परंपरागत राजनीति से निराश युवा वर्ग अब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने वाली राजनीति की ओर आकर्षित हो रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ राजा का बड़ा संकल्प
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश अध्यक्ष काशिफ़ राजा ने अपने जोशीले भाषण से उपस्थित भीड़ में नया जोश भर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—
“आज़ाद समाज पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है। यह सामाजिक न्याय, समानता और संविधान की रक्षा के लिए एक संघर्ष है। हमारा मकसद समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उसके अधिकार और आत्म-सम्मान को पहुँचाना है, जिसका सपना बाबासाहेब ने देखा था।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद (कांशीराम) और डॉ. अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलकर एक समान समाज की स्थापना के लिए प्रयासरत है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: झारखंड में तीसरी शक्ति का उदय?
आज़ाद समाज पार्टी का गठन 15 मार्च 2020 को हुआ था। यह पार्टी मुख्य रूप से दलित-बहुजन अधिकारों के लिए लड़ती है और अपनी बेबाक, जुझारू शैली के लिए जानी जाती है। उत्तर प्रदेश में मजबूत पकड़ बनाने के बाद, पार्टी अब झारखंड, बिहार और अन्य राज्यों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है।
मानगो में हुए इस आयोजन में जिला कार्यकारी अध्यक्ष शमीम अकरम, जिला उपाध्यक्ष मो. फैरोज़ और मो. रशीद खान सहित कई स्थानीय पदाधिकारी, युवा और बुद्धिजीवी मौजूद रहे। इन सभी ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि वे पार्टी की नीतियों और 'जय भीम' के संदेश को झारखंड के हर गांव और हर व्यक्ति तक पहुंचाकर समाज में जागरूकता पैदा करेंगे।
यह सदस्यता अभियान दर्शाता है कि झारखंड, जहाँ दलित और आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा है, वहाँ आसपा एक शक्तिशाली 'तीसरी धुरी' बनकर उभरने की क्षमता रखती है।
कार्यक्रम का समापन "जय भीम, जय संविधान, जय आज़ाद समाज पार्टी" के उत्साहपूर्ण नारों के साथ हुआ, जिससे पूरा मानगो इलाका गूंज उठा।
क्या आपको लगता है कि आज़ाद समाज पार्टी झारखंड की आगामी राजनीति में कोई बड़ा चमत्कार कर पाएगी? दलित-बहुजन मुद्दों पर उनकी रणनीति कितनी सफल होगी? कमेंट में अपनी राय बताएं।
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