आजाद समाज पार्टी ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया, चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण को लेकर की मांग
आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी द्वारा झारखंड सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण के खत्म होने और वन क्षेत्र पदाधिकारी की नियुक्ति में आरक्षण की कमी को लेकर विरोध जताया गया।
आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने झारखंड सरकार के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन किया, जिसमें चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण को खत्म किए जाने और वन क्षेत्र पदाधिकारी की नियुक्ति में अनुसूचित जातियों को न्यूनतम प्रतिनिधित्व देने का विरोध किया गया। यह प्रदर्शन राज्यव्यापी था और झारखंड के विभिन्न हिस्सों में आयोजित किया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि झारखंड में 50 लाख से अधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या होने के बावजूद, सरकार ने इनकी अनदेखी करते हुए चौकीदार बहाली और वन क्षेत्र पदाधिकारी की नियुक्ति में अनुसूचित जातियों के आरक्षण को खत्म कर दिया है। पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष काशिफ रजा ने इस निर्णय को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि वर्तमान सरकार दलितों के प्रति संवेदनशील नहीं है।
काशिफ रजा ने आगे कहा कि झारखंड राज्य बने 24 साल हो चुके हैं, लेकिन यहां के दलित वर्ग की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। विधानसभा में 9 अनुसूचित जाति के आरक्षित सीटों से चुने गए विधायक भी समाज के मुद्दों पर कोई प्रभावी कदम उठाते नजर नहीं आते। आजाद समाज पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि वे अनुसूचित जाति के मुद्दों को लेकर सड़कों पर संघर्ष कर रही है और आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा और भी प्रमुख होगा।
धरना प्रदर्शन के दौरान, पार्टी ने पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, जिसमें निम्नलिखित मांगें की गईं:
- झारखंड प्रदेश में जिलेवार निकाली जा रही चौकीदार बहाली में अनुसूचित जातियों को शून्य सीट देने की नीति का विरोध करते हुए अनुसूचित जातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग।
- वन क्षेत्र पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए आरक्षण के अनुरूप पुनर्विचार और अनुसूचित जातियों को सीटें देने की मांग।
- झारखंड प्रदेश में अनुसूचित जाति के छात्रों को 60:40 के तर्ज पर छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था और 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान करने की मांग।
प्रदर्शन में गणेश राम, सुरजीत सिंह, मज़हर खान, शाहिद रज़ा, जिब्रान आज़ाद, शमीम अकरम, अंसार हुसैन, सुरेश राम, सोनी कौर सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए। काशिफ रजा ने मुख्यमंत्री से इन मांगों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की और चौकीदार बहाली तथा वन क्षेत्र पदाधिकारी की नियुक्ति में अनुसूचित जातियों को उचित हिस्सेदारी देने की मांग की।
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