Taliban Shocks : अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, बल्ख प्रांत में वाई-फाई इंटरनेट बैन, नागरिक दुविधा में |

अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में तालिबान ने फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम 'अनैतिकता को रोकने' के नाम पर उठाया गया है। मोबाइल इंटरनेट चालू रहेगा, लेकिन केबल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

Sep 16, 2025 - 19:16
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Taliban Shocks : अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, बल्ख प्रांत में वाई-फाई इंटरनेट बैन, नागरिक दुविधा में |
Taliban Shocks : अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, बल्ख प्रांत में वाई-फाई इंटरनेट बैन, नागरिक दुविधा में |

अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाया है। तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर उत्तरी बल्ख प्रांत में फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट यानी केबल इंटरनेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह निर्णय 'अनैतिकता को रोकने' के उद्देश्य से लिया गया है। अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब तालिबान ने इंटरनेट पर इस तरह का व्यापक प्रतिबंध लगाया है।

बल्ख प्रांत में सरकारी कार्यालय, निजी संस्थान, स्कूल, अस्पताल और आम नागरिक अब वाई-फाई इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता हाजी अताउल्लाह जैद ने मंगलवार को बताया कि यह प्रतिबंध 'अनैतिक गतिविधियों' को रोकने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूर्ण प्रतिबंध हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश पर लगाया गया है। हालांकि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी चालू हैं, जिससे नागरिकों को कुछ हद तक संचार सुविधा मिलती रहेगी।

हाजी जैद ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए देश के भीतर ही एक वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जाएगी। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि बल्ख प्रांत को ही प्रतिबंध के लिए क्यों चुना गया या अन्य प्रांतों में इसे लागू करने की योजना है या नहीं। फिलहाल, यह निर्णय बल्ख में रहने वाले हजारों लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार से जुड़ी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

अफगान अधिकारियों द्वारा पहले भी सुरक्षा कारणों से मोबाइल नेटवर्क निलंबित करने की घटनाएं सामने आई हैं। धार्मिक त्योहारों या आतंकवादी गतिविधियों के दौरान मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिए जाते हैं ताकि विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल रोका जा सके। लेकिन फाइबर ऑप्टिक इंटरनेट पर स्थायी प्रतिबंध एक नया और कठोर कदम माना जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इंटरनेट पर यह प्रतिबंध समाज में महिलाओं और युवाओं की शिक्षा व विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है। वहीं, तालिबान प्रशासन इसे नैतिकता की रक्षा और धार्मिक मानकों के पालन से जोड़ रहा है। बल्ख प्रांत में इस फैसले के चलते आम नागरिकों में असंतोष और असहजता बढ़ती जा रही है।

अब देखना होगा कि तालिबान प्रशासन आगे क्या कदम उठाता है और क्या यह प्रतिबंध अन्य प्रांतों में भी लागू होगा। फिलहाल, बल्ख में केबल इंटरनेट बंद होने से रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित है और लोग वैकल्पिक समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।