Dubai Attack: तलवार, चीखें और मौत... दुबई की बेकरी में दो भारतीयों की दर्दनाक हत्या की खौफनाक कहानी!
दुबई की एक बेकरी में काम कर रहे तेलंगाना के दो भारतीय युवकों की एक पाकिस्तानी नागरिक द्वारा कथित धार्मिक नारे लगाते हुए तलवार से हत्या कर दी गई। जानिए इस सनसनीखेज हमले की पूरी कहानी।

दुबई जैसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर में जो हुआ, उसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। तेलंगाना के दो भारतीय युवकों की एक बेकरी में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई और तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि हमलावर पाकिस्तानी नागरिक था, जिसने धार्मिक नारे लगाते हुए हमला किया। इस घटना ने न सिर्फ भारतीय समुदाय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता की लहर दौड़ा दी है।
क्या हुआ था 11 अप्रैल को दुबई में?
घटना 11 अप्रैल की है, जब दुबई की Modern Bakery LLC में काम करने वाले भारतीय युवक अपने काम में लगे हुए थे। तभी एक पाकिस्तानी नागरिक वहां दाखिल हुआ और अचानक तलवार निकालकर तीनों पर हमला कर दिया। इसमें दो की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक बुरी तरह घायल हो गया।
मृतकों की पहचान अष्टपू प्रेमसागर (35) और श्रीनिवास के रूप में हुई है। तीसरे घायल युवक का नाम सागर है, जो इस वक्त अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पीड़ित कौन थे? कहां से आए थे?
अष्टपू प्रेमसागर तेलंगाना के निर्मल जिले के सोन गांव के रहने वाले थे। वो पिछले पांच साल से दुबई की इस बेकरी में काम कर रहे थे और दो साल पहले ही भारत आए थे। उनके परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
दूसरे मृतक श्रीनिवास, निजामाबाद जिले से थे और वो भी काफी समय से दुबई में मेहनत कर अपने परिवार के लिए रोज़ी-रोटी जुटा रहे थे।
घटना के बाद क्या हुआ?
हमले के तुरंत बाद दुबई पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और भारतीय वाणिज्य दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों से इस मामले में तेज़ी से कार्रवाई की मांग की है। इस घटना की खबर मिलते ही भारत में भी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मच गया।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही?
इस दर्दनाक घटना पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने गहरा दुख व्यक्त किया। रेड्डी ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की है और उन्होंने मृतकों के शव भारत लाने में पूरी सहायता का आश्वासन दिया है। जयशंकर ने पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
बंडी संजय कुमार ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "Modern Bakery में काम के दौरान पाकिस्तान के एक नागरिक द्वारा इन दोनों युवकों की बेरहमी से हत्या की गई। MEA के माध्यम से दुबई पुलिस से तेज़ जांच की मांग की गई है।"
इतिहास में ऐसे हमले कितने असामान्य हैं?
दुबई को हमेशा से ही एक सुरक्षित और बहुसांस्कृतिक समाज के रूप में देखा गया है, जहां धार्मिक या नस्लीय हिंसा की घटनाएं बेहद दुर्लभ हैं। लेकिन यह हमला उस छवि को झटका देने वाला है। इससे पहले भी कभी-कभी आपसी झगड़ों के मामले सामने आते रहे हैं, मगर इस तरह का धार्मिक नारे लगाते हुए हमला वहां का आम चलन नहीं रहा है।
अब सवाल उठते हैं:
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क्या यह हमला पूर्वनियोजित था?
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आरोपी की मानसिक स्थिति क्या थी?
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क्या भारतीय मजदूरों को निशाना बनाया गया?
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क्या दुबई जैसे वैश्विक शहर में प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं?
अब आगे क्या?
पीड़ित परिवारों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द शवों को भारत लाए और आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जाए। इस घटना ने प्रवासी भारतीय समुदाय के भीतर डर पैदा कर दिया है, खासकर उन लाखों भारतीयों के लिए जो खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं।
भारत सरकार ने आश्वासन दिया है कि वो इस केस में ना सिर्फ शवों को भारत लाने में मदद करेगी, बल्कि आरोपी को सख्त सजा दिलाने में भी पूरी तरह मदद करेगी।
दुबई की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि हिंसा कहीं भी, कभी भी हो सकती है – भले ही वो किसी भी जाति, धर्म या देश से जुड़ी हो। ज़रूरत है कड़े कदमों की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे मामलों में त्वरित न्याय की।
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