Paharpur School Theft : पहाड़पुर प्राथमिक विद्यालय में चोरों ने ताला तोड़ा, लेकिन खाली हाथ लौटे!
झारखंड के पहाड़पुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में रविवार रात चोरों ने ताला तोड़ चोरी की कोशिश की। खाद्य सामग्री वाला कमरा सुरक्षित रहा। कुछ महीने पहले भी चोरी हो चुकी थी। जानिए पूरा मामला।

बाघुड़िया पंचायत के पहाड़पुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय पहाड़पुर में रविवार रात चोरों ने ताला तोड़कर चोरी करने का प्रयास किया। हालांकि चोरों की कोशिश नाकाम रही। वे स्कूल से कुछ भी चुराकर ले जाने में असफल रहे। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।
ग्रामीणों के अनुसार जिस कमरे में चावल और अन्य खाद्य सामग्री रखी थी, उस कमरे का ताला चोर तोड़ नहीं पाए। परिणामस्वरूप वे खाली हाथ लौट गए। सोमवार सुबह जब कुछ ग्रामीण स्कूल के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कमरे का ताला टूटा हुआ है। यह देखकर वे हैरान रह गए और तुरंत स्कूल प्रशासन व स्थानीय पुलिस को जानकारी दी।
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी कुछ महीने पहले स्कूल में चोरी की घटना हो चुकी है। उस समय चोरों ने स्कूल में घुसकर भोजन बनाया और खाया था। उस दौरान भी चोरों ने खाना पकाकर खाया और कुछ सामान चुरा ले गए थे। इससे स्कूल प्रशासन और ग्रामीणों में भय का माहौल है।
यह पहली घटना नहीं है। शनिवार रात को पास के प्राथमिक विद्यालय राजबासा में भी चोरों ने ताला तोड़कर प्रवेश किया था। वहां चोरों ने दस्तावेजों को इधर-उधर फेंक दिया और खाद्य सामग्री चुरा ली। वहीं आंगनवाड़ी केंद्र राजबासा में भी चोरों ने घुसकर खाना पकाकर खाया था। इससे आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूलों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बार-बार हो रही चोरी की घटनाओं से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूलों में रखे खाद्य सामग्री और जरूरी दस्तावेज सुरक्षित नहीं हैं। शिक्षकों और अभिभावकों में भी असुरक्षा का भाव बढ़ रहा है।
स्थानीय पुलिस ने घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही चोरों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। वहीं ग्रामीणों ने रात में पहरा बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
स्कूल प्रशासन ने भी शिक्षकों और कर्मचारियों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही स्कूल परिसर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों से मदद मांगी गई है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित वातावरण में ही संभव है, इसलिए ऐसे मामलों पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है।
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