Railway Decision: त्योहारों में सफर आसान, अब चार एक्सप्रेस ट्रेनों में बढ़े डिब्बे

त्योहारी सीजन में रेलवे का बड़ा फैसला! अब हावड़ा, सियालदह और ऋषिकेश रूट की चार प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों में अतिरिक्त शयनयान डिब्बे जोड़े जाएंगे। जानें किस तारीख से कितने डिब्बे बढ़ाए गए और यात्रियों को इससे कितनी राहत मिलेगी।

Sep 25, 2025 - 19:50
 0
Railway Decision: त्योहारों में सफर आसान, अब चार एक्सप्रेस ट्रेनों में बढ़े डिब्बे
Railway Decision: त्योहारों में सफर आसान, अब चार एक्सप्रेस ट्रेनों में बढ़े डिब्बे

त्योहारों का मौसम आते ही रेल यात्रियों की भीड़ किसी मेले से कम नहीं होती। चाहे दशहरा हो, दीपावली या छठ—हजारों लोग अपने घर लौटने के लिए रेलवे का सहारा लेते हैं। भारतीय रेल का इतिहास भी यही बताता है कि जब-जब पर्व-त्योहार आते हैं, टिकट की मारामारी और लंबी वेटिंग लिस्ट आम हो जाती है।

इसी समस्या से राहत देने के लिए रेलवे ने इस साल बड़ा फैसला लिया है। अब चार प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों में अस्थायी तौर पर अतिरिक्त शयनयान (Sleeper Class) डिब्बे जोड़े जा रहे हैं। यह कदम यात्रियों की भीड़ कम करने और सफर को आरामदायक बनाने के लिए उठाया गया है।

कौन-कौन सी ट्रेनें हुईं शामिल?

रेलवे ने पूर्वी भारत की चार बड़ी ट्रेनों में डिब्बे जोड़ने का ऐलान किया है:

1. हावड़ा–रक्सौल मिथिला एक्सप्रेस (13021/13022)

  • कब से कब तक?

    • हावड़ा से: 25 सितंबर से 31 अक्टूबर तक

    • रक्सौल से: 26 सितंबर से 1 नवंबर तक

  • इस दौरान ट्रेन 21 की जगह 22 डिब्बों के साथ चलेगी।

2. सियालदह–बलिया एक्सप्रेस (13105/13106)

  • सियालदह से: 25 सितंबर से 31 अक्टूबर तक

  • बलिया से: 26 सितंबर से 1 नवंबर तक

  • इसमें भी एक अतिरिक्त शयनयान डिब्बा जोड़ा जाएगा, जिससे ट्रेन में अब 20 डिब्बे होंगे।

3. सियालदह–जयनगर गंगासागर एक्सप्रेस (13185/13186)

  • सियालदह से: 25 सितंबर से 31 अक्टूबर तक

  • जयनगर से: 26 सितंबर से 1 नवंबर तक

  • डिब्बों की संख्या 19 से बढ़कर 20 होगी।

4. हावड़ा–योगनगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस (13009/13010)

  • हावड़ा से: 25 सितंबर से 31 अक्टूबर तक

  • योगनगरी ऋषिकेश से: 27 सितंबर से 2 नवंबर तक

  • इसमें भी एक अतिरिक्त शयनयान डिब्बा लगेगा और ट्रेन अब 22 डिब्बों के साथ दौड़ेगी।

त्योहारों पर रेलवे का पुराना फॉर्मूला

भारतीय रेलवे का इतिहास गवाह है कि भीड़भाड़ के मौसम में "स्पेशल ट्रेनें" या "अस्थायी डिब्बे" जोड़ना कोई नई बात नहीं। पहले भी दीपावली और छठ के समय अतिरिक्त बोगियां लगाकर यात्रियों को राहत दी जाती रही है। फर्क इतना है कि इस बार रेलवे ने पहले से तैयारी कर यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि त्योहारों पर घर लौटना थोड़ा आसान होगा।

यात्रियों के लिए राहत या नया सिरदर्द?

यात्रियों को यह फैसला राहत भरा जरूर लगेगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि डिब्बे बढ़ाने से टिकट उपलब्धता पर असर तो पड़ेगा, पर भीड़ पूरी तरह काबू में नहीं आ पाएगी। कारण साफ है—त्योहारों के दौरान टिकटों की मांग कई गुना बढ़ जाती है।

रेलवे की चुनौती

भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क्स में से एक है, लेकिन हर साल त्योहारों पर यह नेटवर्क "अतिरिक्त भार" झेलता है। कोच जोड़ना अस्थायी राहत तो देता है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान तभी संभव होगा जब नए रूट, अधिक ट्रेनें और अत्याधुनिक आरक्षण सिस्टम पर काम किया जाए।

रेलवे का यह कदम यात्रियों के लिए उम्मीद की किरण है। जो लोग अब तक "वेटिंग" या "टिकट कैंसिल" की चिंता में थे, उनके लिए यह अतिरिक्त डिब्बे सहूलियत भरे साबित हो सकते हैं। लेकिन यह भी सच है कि भारत जैसे विशाल देश में त्योहारों पर रेल यात्रा की

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।