Ladakh Decision: सोनम वांगचुक की NGO पर बड़ा एक्शन, क्यों रद्द हुआ FCRA लाइसेंस?

लद्दाख में सोनम वांगचुक की NGO का FCRA पंजीकरण सरकार ने क्यों रद्द किया? विदेशी फंडिंग उल्लंघन या आंदोलन का असर? जानिए पूरी कहानी।

Sep 25, 2025 - 19:36
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Ladakh Decision: सोनम वांगचुक की NGO पर बड़ा एक्शन, क्यों रद्द हुआ FCRA लाइसेंस?
Ladakh Decision: सोनम वांगचुक की NGO पर बड़ा एक्शन, क्यों रद्द हुआ FCRA लाइसेंस?

लद्दाख, जिसे अब तक शांत बर्फीली वादियों और पर्यटन के लिए जाना जाता था, अचानक से राजनीतिक और सामाजिक हलचलों का केंद्र बन चुका है। ताज़ा घटनाक्रम में केंद्र सरकार ने लद्दाख के प्रमुख कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की NGO का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया है। कारण बताया गया – विदेशी फंडिंग कानून का बार-बार उल्लंघन। लेकिन सवाल यह उठता है कि यह कदम महज़ कानूनी कार्रवाई है या फिर हाल के हिंसक आंदोलनों का सीधा राजनीतिक जवाब?

आंदोलन और फैसला – क्या है कनेक्शन?

दरअसल, यह कार्रवाई उस समय हुई है जब वांगचुक की अगुवाई में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और स्थानीय लोगों को विशेष संवैधानिक सुरक्षा दिलाने की मांग को लेकर ज़ोरदार आंदोलन चल रहा है। महज़ 24 घंटे पहले ही यह आंदोलन हिंसक हो गया था। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की तस्वीरें पूरे देश में वायरल हुईं। ठीक उसी के बाद सरकार का NGO पर यह कड़ा एक्शन सवाल खड़े कर रहा है।

सोनम वांगचुक – "थ्री इडियट्स" से आंदोलन तक

अगर आप सोच रहे हैं कि सोनम वांगचुक का नाम इतना चर्चित क्यों है, तो याद कीजिए बॉलीवुड की फिल्म "थ्री इडियट्स" का किरदार "फुंसुख वांगडू"। इस किरदार की प्रेरणा असल ज़िंदगी के सोनम वांगचुक ही थे। इंजीनियरिंग शिक्षा को नए ढंग से परिभाषित करने और "आईस स्तूपा" जैसे इनोवेशन के जरिए जलवायु परिवर्तन से लड़ने वाले वांगचुक को सिर्फ भारत ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सराहा गया है। लेकिन अब वही वांगचुक सरकार के निशाने पर हैं।

आरोप क्या हैं?

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, NGO के खातों में विदेशी फंडिंग को लेकर कई अनियमितताएं पाई गईं।

  • एक पुरानी बस की बिक्री से मिले 3.35 लाख रुपये NGO के FCRA खाते में जमा करना।

  • स्वीडन के एक दानदाता से मिले 4.93 लाख रुपये को "राष्ट्रीय हित के खिलाफ" बताया गया।

  • अन्य दो मामलों में 19,600 रुपये और 79,200 रुपये की रकम पर भी सवाल।

संगठन का तर्क है कि बस चूंकि FCRA फंड से खरीदी गई थी, इसलिए बिक्री की राशि उसी खाते में जमा की गई। लेकिन सरकार ने इस दलील को मानने से इंकार कर दिया।

गिरफ्तारी के संकेत – खुद बोले वांगचुक

NGO के पंजीकरण रद्द होने के बाद वांगचुक ने साफ कहा –
"सरकार शायद मुझे जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। लेकिन मेरा जेल जाना उनकी आज़ादी से ज्यादा समस्याएं खड़ी कर सकता है।"

इतिहास गवाह है कि जब-जब लद्दाख या कश्मीर में किसी बड़े नेता या कार्यकर्ता को जेल भेजा गया, तब-तब आंदोलनों ने और ज़ोर पकड़ा। क्या वांगचुक के साथ भी यही कहानी दोहराई जाएगी?

गृह मंत्रालय का आरोप

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार देर रात बयान जारी कर वांगचुक पर गंभीर आरोप लगाए। मंत्रालय का कहना है कि लद्दाखी समूहों के साथ सरकार की बातचीत में जब प्रगति हो रही थी, तभी वांगचुक और कुछ अन्य राजनीतिक रूप से प्रेरित लोग "भड़काऊ बयान" देकर भीड़ को हिंसा के लिए उकसा रहे थे।

लद्दाख की जमीनी हकीकत

लद्दाख को 2019 में धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। तब इसे "विकास और आत्मनिर्भरता" की नई शुरुआत बताया गया था। लेकिन आज हालात यह हैं कि स्थानीय लोग अपने राजनीतिक अधिकारों और भूमि सुरक्षा के लिए आंदोलित हैं। यही वजह है कि वांगचुक जैसे चेहरे आम जनता के लिए उम्मीद का प्रतीक बन गए हैं।

सवालों के घेरे में सरकार

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार का यह कदम वास्तव में विदेशी फंडिंग कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए है या फिर यह राजनीतिक असहमति को दबाने का तरीका है? क्योंकि FCRA उल्लंघन के कई मामले अन्य NGOs में भी सामने आते रहे हैं, लेकिन इतनी तेज़ कार्रवाई कम ही देखने को मिलती है।

लद्दाख में हालात लगातार बदल रहे हैं। सोनम वांगचुक के NGO का पंजीकरण रद्द होना सिर्फ एक कानूनी फैसला नहीं, बल्कि आने वाले दिनों की राजनीतिक तस्वीर का संकेत भी है। अगर आंदोलन और तेज़ हुए, तो लद्दाख एक बार फिर राष्ट्रीय बहस का केंद्र बन सकता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।