Nawada Tragedy: नहर में डूबने से युवक की दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम
नवादा के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र में नहर में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान बबलू मांझी के रूप में हुई है। जानें पूरी घटना और परिजनों की कहानी।
नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक की नहर में डूबने से मौत हो गई। यह घटना कोचगांव पंचायत के जयंत नगर मुसहरी के पास हुई, जहां बबलू मांझी नामक युवक नहर के पानी में डूबकर जान से हाथ धो बैठा। बबलू की उम्र 35 वर्ष थी और वह दासो मांझी का पुत्र था।
घटना की जानकारी और मृतक का परिवार
बताया गया है कि बबलू मांझी अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसकी पत्नी, एक पुत्र और दो पुत्रियों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसी पर थी। बबलू की असमय मौत से उसके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों ने बताया कि "अब हमारी दुनिया उजड़ गई, हमें देखने वाला कोई नहीं है।" मृतक की पत्नी और बच्चे गहरे मानसिक आघात में हैं, क्योंकि बबलू ही घर की अकेली उम्मीद था।
घटना की सूचना और समाजसेवी की मदद
मृतक की लाश की सूचना सुबह सिमरी और कोचगांव के बीच स्थित नहर से मिली थी। शव को नहर से बाहर निकाला गया और उसकी पहचान बबलू मांझी के रूप में की गई। सूचना मिलते ही समाजसेवी लाल बहादुर उर्फ गोल्डन सिंह, समाजसेवी परीलाल सिंह और मुखिया प्रतिनिधि कुमुद सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने शोक व्यक्त किया और मृतक के परिवार को समर्थन देने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, मृतक के परिवार को मुखिया के द्वारा कबीर अंत्येष्टि के तहत तीन हजार रुपये की सहायता भी प्रदान की गई।
पुलिस कार्रवाई और पोस्टमार्टम
घटनास्थल पर पुलिस भी पहुंची और शव को पानी से बाहर निकाला। वारिसलीगंज थाना के थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा और पुलिस ने इस मामले में अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी है।
इतिहास और सामाजिक परिप्रेक्ष्य
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि किस तरह से जल स्रोतों और नहरों के पास अनदेखी और लापरवाही से ऐसे हादसे घटित हो सकते हैं। हमारे देश में जलस्रोतों का अत्यधिक उपयोग होता है, लेकिन इनकी सुरक्षा और उचित प्रबंधन की आवश्यकता को नजरअंदाज किया जाता है।
ऐसी घटनाएं हमारे समाज में दुर्घटनाओं को बढ़ाने के कारण बन सकती हैं। नहरों और जलस्रोतों के आसपास सुरक्षा के उपायों की सख्त जरूरत है, ताकि अनचाहे हादसों से बचा जा सके। इस घटना ने यह भी साबित किया कि परिवारों के लिए समय पर सहायता और संरक्षण कितना महत्वपूर्ण होता है।
समाजसेवी की भूमिका और आगे की जिम्मेदारी
समाजसेवियों की तत्परता और परिवार को तात्कालिक सहायता प्रदान करने की पहल निश्चित ही सराहनीय है। उनके योगदान से मृतक के परिवार को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह सवाल खड़ा होता है कि समाज में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए हमें और क्या कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, प्रशासन और पुलिस का दायित्व बनता है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें, ताकि समाज में सुरक्षा का माहौल बने।
What's Your Reaction?