Nawada Education Campaign: शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का अनोखा तरीका – गीत और संगीत के माध्यम से!
नवादा में शिक्षा जागरूकता के लिए गीत-संगीत से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जानिए कैसे यह अनोखा अभियान ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की अलख जगा रहा है।
नवादा जिले में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए एक अनोखा और दिलचस्प अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान अब तक अपने गीत-संगीत के माध्यम से न केवल स्थानीय समुदायों को जोड़ने में सफल रहा है, बल्कि शिक्षा के महत्व को भी गांव-गांव में हर दिल तक पहुंचा रहा है। रविवार को जब पौष के प्रभात में "पौष का प्रभात" और "बुद्धिजीवी विचार मंच" की टीम ने अपनी लगातार जारी प्रभातफेरी का आयोजन किया, तो यह नजारा बेहद प्रेरणादायक था।
20 साल से जारी है यह प्रेरक सफर
यह अभियान बीसों साल पहले उसी निष्ठा और समर्पण के साथ शुरू हुआ था, जो आज भी पूरे उत्साह से जारी है। सदर प्रखण्ड के लक्ष्मीपुर लोहड़ा गांव में, जब शिक्षा जागरूकता के तख्तियों के साथ इस अभियान का आगाज हुआ, तो ग्रामीण जनता अपने-अपने घरों से निकलकर अभियान का हिस्सा बनी। "बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ" और "शिक्षा है अनमोल रत्न पाने की सब करो जतन" जैसे नारों से गांव की गलियाँ गूंज उठी।
संगीत और नारे – शिक्षा का अलख जगा रहे हैं
इस अभियान के अंतर्गत, लोक गायक चंदेश्वर प्रसाद और राजू रंजन कुमार ने गीतों के माध्यम से मूढ़ता और अशिक्षा के अंधकार को दूर करने का कार्य किया। उनका संगीत न केवल ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है, बल्कि शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रहा है। इस अभियान का निर्देशन डॉ. सुनीति कुमार द्वारा किया जा रहा है और यह अभियान पूरी तरह से स्वैच्छिक प्रयासों पर आधारित है, बिना किसी बाहरी वित्तीय सहयोग के।
ग्रामीणों का समर्थन और प्रभाव
अवधेश कुमार, जो इस मंच के संयोजक हैं, ने कहा कि यह शिक्षा जागरूकता अभियान हमारे लिए एक अखंड तपस्या की तरह है। उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान जीवन के अंतिम क्षणों तक चलता रहेगा। अभियान में संयोजक अवधेश कुमार के अलावा, रामविलास प्रसाद, राम लखन प्रसाद, मथुरा पासवान, रवीन्द्र प्रसाद यादव (अधिवक्ता), रामवरण प्रसाद (पूर्व प्रधानाध्यापक), चंदेश्वर प्रसाद यादव (सेवानिवृत्त शिक्षक), और ग्रामीण दिलीप शर्मा ने भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई।
क्या है अभियान का उद्देश्य?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। शिक्षा के महत्व को लोगों तक पहुंचाना और उनके जीवन में शिक्षा का महत्व स्पष्ट करना। अभियान गीतों के माध्यम से लोगों को यह समझा रहा है कि शिक्षा से ही जीवन में बदलाव लाया जा सकता है और समाज को उन्नति की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
इतिहास में शिक्षा का योगदान
नवादा जिले की यह शिक्षा जागरूकता अभियान केवल वर्तमान नहीं, बल्कि अतीत में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिशों का एक हिस्सा है। यहां के लोग हमेशा से ही शिक्षा को महत्व देते आए हैं और यह अभियान उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।
शिक्षा जागरूकता में ग्रामीणों की भूमिका
ग्रामीणों का इस अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना यह दर्शाता है कि शिक्षा के प्रति उनकी सोच अब बदल रही है। आज के युवा और बच्चे इस अभियान के माध्यम से न केवल अपनी शिक्षा में सुधार कर रहे हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझ रहे हैं।
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