Nawada PACS Election Freeze: पैक्स समितियों के चुनाव पर 5 साल की रोक – जानें क्यों उठाया गया यह कदम!
नवादा में पैक्स समितियों के चुनाव पर 5 साल तक रोक, जानें जिलाधिकारी ने क्या निर्देश दिए और कैसे यह कदम धान अधिप्राप्ति में मदद करेगा।
नवादा जिले में पैक्स (Primary Agricultural Credit Societies) समितियों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिलाधिकारी श्री रवि प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कुछ समितियों को अगले 5 साल तक चुनाव से वंचित कर दिया जाएगा। यह कदम उन समितियों के खिलाफ उठाया गया है, जो धान अधिप्राप्ति कार्य में रुकावट डाल रही थीं और नए कार्यकारिणी समितियों को काम करने में मदद नहीं कर रही थीं।
अकबरपुर और सदर प्रखंड की समितियां क्यों बनीं विवाद का कारण?
जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार, अकबरपुर प्रखंड के पंचगावां, तेयार, भनैल लोदीपुर, बलिया बुजुर्ग, सदर प्रखंड के केना और समाय, नारदीगंज प्रखंड के कोशला, और रजौली प्रखंड के बहादुरपुर जैसी समितियों ने नए कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को सुचारू रूप से काम करने में सहयोग नहीं किया और लगातार कार्यों में बाधा उत्पन्न की। इससे न केवल स्थानीय किसानों को नुकसान हुआ, बल्कि पूरे जिले की धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया भी प्रभावित हुई।
जिलाधिकारी का कड़ा कदम – चुनाव से वंचित!
जिलाधिकारी श्री रवि प्रकाश ने इन समितियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए कहा कि जो समितियां इस प्रकार की रुकावट उत्पन्न करेंगी, उन्हें अगले 5 साल तक चुनाव से वंचित कर दिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इन समितियों को सुधारने के लिए दबाव डाला जा सके और आने वाले समय में ऐसी स्थिति से बचा जा सके। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन समितियों को आसपास के पैक्सों के साथ जोड़ दिया जाए ताकि धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरी तरह से पूरा हो सके।
धान अधिप्राप्ति की धीमी गति – क्या हो रहा है नवादा में?
जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी उल्लेख किया कि हसुआ और नवादा सदर जैसे क्षेत्रों में धान अधिप्राप्ति की गति बहुत धीमी रही है। यह देखकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस विषय में विस्तृत जानकारी ली और इन प्रखंडों से धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया। नवादा जिले में धान की अधिप्राप्ति एक महत्वपूर्ण कार्य है, और इसे शीघ्रता से पूरा करना जिले के किसानों के हित में है।
एफआरके आपूर्ति – जल्द पूरा करें यह काम!
बैठक में जिलाधिकारी ने एफआरके (Foodgrain Recovery) की आपूर्ति को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने डीएमएसएफसी (District Marketing Society Federation of Cooperative) को जल्द से जल्द एफआरके की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया ताकि राइस मिलों में समय से धान की कुटाई हो सके और सीएमआर (Custom Milling Rice) की आपूर्ति विधिवत तरीके से की जा सके।
वह अधिकारी जो इस बैठक में थे
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी के साथ अपर समाहर्ता श्री चंद्रशेखर आजाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री संतोष कुमार, और कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक श्री अरुण कुमार भी मौजूद थे। इसके अलावा, सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने अपने सुझाव दिए।
क्यों है यह कदम जरूरी?
नवादा जिले में पैक्स समितियों का चुनाव और धान अधिप्राप्ति एक बेहद संवेदनशील मामला है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसान और स्थानीय लोग किसी भी प्रकार की रुकावट से बच सकें। समितियों के बीच किसी भी तरह की रुकावट, गांव-गांव में परेशानियों का कारण बन सकती है, और ऐसे में जिलाधिकारी का यह कड़ा कदम समझ में आता है।
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