Jamshedpur Campaign: स्कूलों में शत-प्रतिशत उपस्थिति का नया मिशन
झारखंड सरकार ने "स्कूल रूआर-2025" अभियान का शुभारंभ किया, जिसमें हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। जानें, कैसे यह अभियान स्कूल ड्रॉपआउट्स को कम करेगा और शिक्षा को बढ़ावा देगा।

झारखंड सरकार ने "स्कूल रूआर-2025" अभियान का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य 5 से 18 वर्ष तक के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पूरी तरह से नामांकित करना और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है। यह अभियान विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है, जो किसी कारणवश शिक्षा से वंचित हो गए हैं या स्कूल छोड़ चुके हैं।
क्या है "स्कूल रूआर-2025" अभियान का उद्देश्य?
यह अभियान 10 मई 2025 तक चलेगा, जिसमें सरकारी स्कूलों में बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन, ठहराव, और उच्च कक्षाओं में प्रवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और वे किसी भी कारणवश शिक्षा से दूर न रहें। इस पहल के तहत 5 से 18 वर्ष तक के सभी बच्चों को स्कूल में लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा में सुधार के लिए सामूहिक प्रयास
मंत्री श्री रामदास सोरेन ने कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान कहा कि "स्कूल रूआर" अभियान में राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हर बच्चे को शिक्षा मिले और वह समाज में बदलाव लाने के लिए सक्षम बने।"
विधायक श्रीमती पूर्णिमा साहू ने भी इस अभियान की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि "यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास करें, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके।"
जमशेदपुर में बैंड टीम को सम्मानित किया गया
इस अवसर पर गणतंत्र दिवस 2025 के राष्ट्रीय समारोह में बैंड प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली पटमदा की केजीबीवी छात्राओं को सम्मानित किया गया। साथ ही, जिन बच्चों का नामांकन इस वर्ष जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ था, उन्हें भी सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, ताकि पूरे जिले में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
"स्कूल रूआर-2025" अभियान के प्रमुख तत्व
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शत-प्रतिशत नामांकन: यह अभियान सुनिश्चित करेगा कि 5 से 18 वर्ष के सभी बच्चे सरकारी स्कूलों में नामांकित हों।
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स्कूल ड्रॉपआउट को कम करना: कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को वापस स्कूल में लाना है। इसके लिए सामाजिक और पारिवारिक समर्थन जरूरी है।
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: बच्चों को केवल स्कूल में दाखिला दिलाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनका सही तरीके से शिक्षा प्राप्त करना भी जरूरी है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों की नियमित उपस्थिति और शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करना है।
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जागरूकता रथ और प्रचार-प्रसार: इस अभियान के तहत जागरूकता रथ चलाए जाएंगे, जो विभिन्न स्थानों पर जाकर बच्चों और उनके माता-पिता को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे।
समाज का सहयोग आवश्यक
जिला दण्डाधिकारी श्री अनन्य मित्तल ने कहा कि "शिक्षा के महत्व को समझते हुए, यह जरूरी है कि समाज के सभी वर्गों का सहयोग मिले। बच्चों के स्कूल न जाने के कारणों का सही आकलन करना और उन्हें वापस स्कूल लाना हमारे सामूहिक प्रयासों का हिस्सा है।"
आगे क्या होगा?
यह अभियान झारखंड राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके जरिए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि हर बच्चा स्कूल जाए, पढ़ाई पूरी करे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सक्षम हो। अभियान के अंतर्गत 10 मई 2025 तक व्यापक प्रयास किए जाएंगे, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
"स्कूल रूआर-2025" अभियान सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है जो हर बच्चे को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पित है। यह अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि झारखंड के सभी बच्चों को उनके भविष्य को संवारने का अवसर मिले और वे शिक्षा के साथ अपनी जिंदगी को नए आयाम पर ले जाएं।
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