Maharashtra Politics: शिंदे को BJP ने किया 'यूज एंड थ्रो'? कांग्रेस विधायक के बोल!
महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को लेकर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का बड़ा बयान! शिंदे को बताया 'यूज एंड थ्रो' का शिकार, कांग्रेस और बीजेपी में अंतर समझाया। जानिए पूरी कहानी।
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीजेपी ने शिंदे को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और अब उन्हें "यूज एंड थ्रो" कर दिया गया है।
शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन: इतिहास की एक झलक
महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन कोई नया नहीं है। 1989 में शिवसेना और बीजेपी ने एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ना शुरू किया। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस के प्रभाव को कमजोर करना था। हालांकि, यह रिश्ता हमेशा से विवादों और मतभेदों से भरा रहा है।
शिवसेना की पहचान बाल ठाकरे के नेतृत्व में एक मजबूत हिंदुत्ववादी पार्टी के रूप में हुई। वहीं, बीजेपी का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पैठ बनाना था। दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर कई बार सरकार बनाई, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद शुरू हो गया।
यह विवाद इतना बढ़ गया कि शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। हालांकि, 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल मच गया।
इरफान अंसारी का बयान: बीजेपी पर निशाना
झारखंड के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने शिंदे पर तंज कसते हुए कहा,
"आदरणीय एकनाथ शिंदे साहब, आपने शिवसेना को तोड़ दिया। बेजान भाजपा को सहारा दिया और सरकार बनाई। अगर आपका साथ नहीं होता, तो महाराष्ट्र में बीजेपी किसी जन्म में सरकार नहीं बना पाती। भाजपा ने आपको यूज एंड थ्रो कर दिया।"
उन्होंने आगे कहा,
"अगर कांग्रेस 200 सीटें लाती और आप 20 सीटें भी, तो भी कांग्रेस आपको मुख्यमंत्री बनाती। यही अंतर बीजेपी और कांग्रेस में है।"
'यूज एंड थ्रो' की राजनीति: क्या शिंदे वाकई शिकार हुए?
अंसारी का बयान एकनाथ शिंदे की स्थिति पर सवाल उठाता है। शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर मुख्यमंत्री का पद तो हासिल कर लिया, लेकिन क्या उनकी आवाज बीजेपी के भीतर सुनी जा रही है?
इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब बीजेपी ने अपने सहयोगियों के साथ टकराव किया। बिहार में नीतीश कुमार और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। अंसारी ने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा,
"नीतीश कुमार को कम सीटें लाने के बावजूद मुख्यमंत्री बनाया गया, क्योंकि उन्हें पार्टी की नीति और विचारधारा का सम्मान मिला।"
बीजेपी बनाम कांग्रेस: गठबंधन की राजनीति में अंतर
अंसारी ने कांग्रेस और बीजेपी के गठबंधन मॉडल की तुलना की। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में सहयोगियों को सम्मान मिलता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती, तो शिंदे को उनकी योग्यतानुसार पद मिलता।
यह बयान बीजेपी और कांग्रेस की गठबंधन की रणनीतियों पर सीधा सवाल उठाता है।
राजनीतिक रणनीति या व्यक्तिगत हमला?
अंसारी के बयान को राजनीतिक बयानबाजी कहा जा सकता है, लेकिन यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म देता है।
क्या बीजेपी के भीतर सहयोगियों के लिए जगह है, या वे सिर्फ सत्ता हासिल करने का जरिया हैं?
यह सवाल सिर्फ शिंदे ही नहीं, बल्कि अन्य छोटे सहयोगियों के लिए भी प्रासंगिक है।
कांग्रेस की रणनीति: क्या है असली मकसद?
अंसारी के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस अब बीजेपी पर आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश कर रही है।
यह बयान न केवल शिंदे, बल्कि अन्य छोटे दलों के नेताओं को संदेश देने का भी प्रयास है कि कांग्रेस सहयोगियों को सम्मान देने में यकीन रखती है।
आदरणीय एकनाथ शिंदे साहब..
अपने शिवसेना को तोड़ दिया।बेजान भाजपा को सहारा दिया।सरकार बनाई।अगर आपका साथ नहीं होता तो महाराष्ट्र में बीजेपी किसी जन्म मे सरकार बना पाती । भाजपा के लोग मोदी जी की मन की बात सुनते हैं आपकी मन की बात का कोई महत्व नहीं। आपको भाजपा ने यूज nd थ्रो किया।… pic.twitter.com/xulxixvs47 — Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) December 3, 2024
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