BAHRAICH Accident: चावल मिल में घुटा हुआ धुआं, 5 मजदूरों की मौत, तीन गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती!
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में चावल मिल में हुए हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूरों की हालत गंभीर है। जानिए कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे जिले को सकते में डाल दिया। दरगाह थाना क्षेत्र में स्थित राजगढ़िया चावल मिल में एक भारी दुर्घटना घटी, जिसमें पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब चावल मिल में नमी आने के कारण धुएं का गुबार उठने लगा, जिससे वहां काम कर रहे मजदूरों की जान चली गई। हादसे में तीन अन्य मजदूर भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
इस घटनाक्रम की सूचना मिलते ही फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दम घुटने से बेहोश हुए मजदूरों को बाहर निकाला। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पांच मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने बहराइच के लोगों को हिलाकर रख दिया है, जहां इस प्रकार के हादसे बहुत कम होते हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने इस हादसे के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि राजगढ़िया चावल मिल के 'ड्रायर' में नमी आने के कारण धुआं उत्पन्न हुआ। धुएं के कारण मजदूरों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी, और वे एक-एक कर बेहोश हो गए। हादसे के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने मिल में घुसे और मजदूरों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल भेजा, लेकिन तब तक कई मजदूरों की मौत हो चुकी थी।
इस हादसे ने चावल मिलों और उद्योगों में सुरक्षा की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी उद्योग में इस प्रकार का हादसा हुआ हो। पहले भी ऐसे हादसे होते रहे हैं, जहां सुरक्षा उपायों की कमी के कारण काम करने वाले मजदूरों की जान चली जाती है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि कामकाजी स्थल पर सुरक्षा के मानकों का पालन करना कितना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाएं न हों।
जिलाधिकारी और स्थानीय पुलिस प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में कामकाजी परिस्थितियों के बारे में जानने से यह भी स्पष्ट होता है कि मजदूरों को सुरक्षित और संरक्षित माहौल मुहैया कराना सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की जिम्मेदारी है। जब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक इस प्रकार के हादसों से छुटकारा नहीं पाया जा सकता।
यह घटना न केवल बहराइच बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने उद्योगों और कार्यस्थलों में सुरक्षा मानकों को लेकर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसे न हों और कामकाजी लोग सुरक्षित रह सकें।
यह घटना निश्चित रूप से बहराइच के लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ गई है और इस दुखद हादसे से परिवारों को अपार दुख हुआ है। प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है कि इस प्रकार के हादसे भविष्य में न हों और आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न घटित हों।
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