Jamshedpur Shock: मौसी के घर जाने की जिद के बाद महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, क्या छिपा था कोई राज?
जमशेदपुर के बर्मामाइंस इलाके में एक महिला ने रहस्यमयी हालातों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानिए उस दिन क्या हुआ था, और क्या ये मामला सिर्फ मानसिक तनाव का है या कुछ और भी?

जमशेदपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। बर्मामाइंस थाना क्षेत्र के चूना भट्ठा इलाके में रहने वाली 42 वर्षीय महिला ज्योति देवी ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये महज एक मानसिक रोगी महिला का कदम था या इसके पीछे कुछ और छिपा है?
गुरुवार शाम करीब 8:30 बजे की बात है। माहौल आम दिनों की तरह ही था। ज्योति देवी के पति उदय चंद्र चौरसिया, जो पास ही में पान की दुकान चलाते हैं, रोज की तरह दुकान पर थे। दो बेटों की मां ज्योति ने उस दिन पहले अपने पति को फोन किया और कहा कि उन्हें मौसी के घर जाना है। इस पर बेटा उन्हें छोड़ने की बात करता है, लेकिन ज्योति ने मना कर दिया। यहीं से कहानी में पहला मोड़ आता है।
क्या था इस "मौसी के घर" जाने की असल वजह?
पति के अनुसार, उन्होंने इस अनुरोध को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया, लेकिन ज्योति देवी का अंदर से दरवाजा बंद कर लेना और यह कहना कि वह सोने जा रही हैं, कुछ असामान्य जरूर था। उस वक्त घर में सिर्फ उनका छोटा बेटा मौजूद था और बड़ा बेटा दूध लाने बाहर गया हुआ था।
जैसे ही बेटा वापस लौटा, उसे घर का माहौल बदला-बदला लगा। कमरे में जाकर देखा तो मां पंखे से लटकी हुई थी। घबराकर तुरंत अपने पिता को फोन किया गया, जो दौड़ते हुए घर पहुंचे और मोहल्लेवालों की मदद से पत्नी को नीचे उतारकर एमजीएम अस्पताल ले गए। पर अफसोस, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
क्या ये सिर्फ मानसिक बीमारी थी? या फिर छुपा था कोई राज?
पति उदय चंद्र का कहना है कि उनकी पत्नी मानसिक रूप से बीमार थीं, लेकिन इतनी गंभीर नहीं कि आत्महत्या जैसा कदम उठा लें। उन्होंने बताया कि कभी-कभी वो चिंता में डूब जाती थीं, लेकिन घर-परिवार के प्रति हमेशा जिम्मेदार थीं। हालांकि ज्योति देवी की इस हरकत ने अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बर्मामाइंस की पृष्ठभूमि और सामाजिक दबाव
बर्मामाइंस, जो कभी टिस्को (अब टाटा स्टील) के कर्मचारियों की कॉलोनियों और चूना भट्ठा के कारण चर्चित था, अब शहरी जीवन की भीड़ में गुम होता जा रहा है। सामाजिक दबाव, आर्थिक तनाव और घरेलू कलह यहां की आम समस्याओं में शामिल हैं। ऐसे में क्या ज्योति देवी भी इसी दबाव का शिकार हुईं?
परिवार वालों की मानें तो किसी प्रकार की घरेलू कलह नहीं थी। फिर अचानक मौसी के घर जाने की बात, और उसके तुरंत बाद आत्महत्या — ये घटनाक्रम सामान्य नहीं लगते।
क्या पुलिस इस केस की गहराई से जांच करेगी?
फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है। लेकिन इस मामले में कई ऐसे पहलू हैं जिन्हें जांच की आवश्यकता है:
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मौसी के घर जाने की जिद का क्या कारण था?
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क्या किसी ने मानसिक रूप से दबाव बनाया था?
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क्या कोई ऐसा राज था जिसे वो छुपा रही थीं?
एक महिला का यूं अचानक दुनिया को अलविदा कह देना न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और समर्थन जरूरी है, लेकिन साथ ही हर ऐसी घटना के पीछे छिपे कारणों को जानना भी।
क्या ये एक सुसाइड था या किसी अनकहे रहस्य की परतें छुपी हैं? पुलिस की जांच और सामाजिक सजगता ही इस कहानी को पूरा कर सकती है।
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